Jhunjhunu : लव मैरिज के लिए जुल्फीयाना बानो बन गई सीमा कुल्हरी और फिर आगे जो हुआ वो…
घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखंड के गांव भगतावाला की है। बुद्धराम के पुत्र बालूराम और रणजीत ने बताया कि शनिवार दोपहर को लगभग 1.30 बजे पिता की मौत हो गई। मौत की सूचना पर ग्रामीण और सगे संबंधी जमा हो गए। करीब चार घंटे बाद शाम साढ़े पांच बजे जब बुद्धराम को अंतिम क्रिया के लिए नहाने लगे तो देखा उनकी सांसें चल रही हैं। कुछ देर में ही वे बोलने भी लगे। ये देख परिवार के लोगों के चेहरे खिल गए।
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सिर्फ राम-राम बोल पा रहे
बुद्धराम के वापस जिंदा होने पर परिजनों ने उनसे चार घंटे अचेत रहने की यादें जाननी चाही कि उन्हें मौत के बाद कैसा अहसास हुआ। इस पर वे सिर्फ राम-राम बोलकर मुस्कुरा देते हैं।
ये कहता है चिकित्सा विज्ञान
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति के दिमाग, फेफड़े व श्वास की गति पूरी तरह से बंद होने पर ही उसे मृत घोषित किया जाता है। आम लोग इन बातों से अनजान होने के कारण व्यक्ति के हृदय की गति कम होने पर मृत समझ लेते हैं।
डॉ. कैलाश राहड, फिजीशियन राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं