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मां को कहता था शहीद दीपचंद ‘अब मैं तेरा नहीं, पहले देश का बेटा हूं’

(Shaheed Deepchand used to say to the mother ‘Now I am not yours.) जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर इलाके में बुधवार को शहीद हुए बावड़ी गांव के जवान दीपचंद वर्मा के जज्बेदार किस्से भी सामने आ रहे हैं।

सीकरJul 02, 2020 / 11:58 am

Sachin

मां को कहता था शहीद दीपचंद 'अब मैं तेरा नहीं, पहले देश का बेटा हूं'

मां को कहता था शहीद दीपचंद ‘अब मैं तेरा नहीं, पहले देश का बेटा हूं’

सीकर/बावड़ी. जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर इलाके में बुधवार को शहीद हुए बावड़ी गांव के जवान दीपचंद वर्मा के जज्बेदार किस्से भी सामने आ रहे हैं। बातचीत में शहीद के भाई सुनिल ने बताया कि दीपचंद जब भी गांव में आते तो सेना के शौर्य के किस्से सुनाते थे। शिकायतों पर वह अक्सर मां को कहते थे कि मां अब मैं तेरा नहीं, पहले देश का बेटा हूं। देश की सेवा करना मेरा पहला फर्ज है। भाई- बहनों को भी वह खुद को देश के नाम सौंपने की बातें कहा करते थे। गौरतलब है कि बुधवार को सोपोर में अचानक आतंकी हमला हो गया था। जिसमें तीन साल के बच्चे को बचाने के फेर में आतंकियों से मुठभेड़ करते समय आतंकियों की गोली लगने से शहीद दीपचंद घायल हो गए थे। जिन्हें अस्पताल ले जाने के कुछ देर बाद ही उनकी सांसे थम गई थी।

 

भाई ने कहा गर्व है, लेकिन सबकुछ उजड़ गया


भाई के शौर्य व जज्बे की बात करते हुए भाई सुनिल अपने आंसुओं का नहीं रोक पाया। सुबकते हुए कहा कि भाई की शहादत पर आज सीना फख्र से चौड़ा हो गया है, लेकिन वे परिवार की जान थे। उनके जाने से अब सबकुछ उजड़ा हुआ लगा रहा है।

 

करंट के बाद से उपचार करवा रहे हैं भाई


सुनिल बिजली विभाग में टेक्निशियन है। पिछले महीने ही लाइन पर काम करते समय 11 हजार केवी के करंट से वह झुलस गया था। अभी उपचार के साथ वह घर पर ही आराम कर रहे हैं।

 

शाम तक आयेगी पार्थिव देह


शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में अब भी संशय बरकरार है। दरसअल शहीद की पार्थिव देह जम्मू कश्मीर से सवा दस बजे रवाना हुई है। जो करीब एक बजे दिल्ली पहुंचेगी। यहां से पार्थिव देह को सड़क के रास्ते बावड़ी गांव लाया जायेगा। ऐसे में परिजनों का कहना है कि यदि पांच बजे बाद उन्हें पार्थिव देह सौंपी जाएगी, तो शहीद का अंतिम संस्कार फिर शुक्रवार को ही किया जायेगा।

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