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सीकर

नौकरी के नाम पर ठगी तो आम है, लेकिन अब कछुआ के नाम पर ठगी ने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया

Thagi On The Name of Tortoise : शेखावाटी में ठगी का खेल बढ़ता जा रहा है। नौकरी के नाम झांसा देकर ठगी तो आम है, लेकिन अब घर में कछुआ लाकर धन में वृद्धि करने के नाम पर भी ठगी की जाने लगी है।

सीकरJul 19, 2019 / 05:11 pm

Naveen

Thagi On The Name of Tortoise : शेखावाटी में ठगी का खेल बढ़ता जा रहा है। नौकरी के नाम झांसा देकर ठगी तो आम है, लेकिन अब घर में कछुआ लाकर धन में वृद्धि करने के नाम पर भी ठगी की जाने लगी है।

नौकरी के नाम पर ठगी तो आम है, लेकिन अब कछुआ के नाम पर ठगी ने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया

सीकर/खंडेला.

Thagi On The Name of tortoise : शेखावाटी में ठगी ( fraud in Shekhawati ) का खेल बढ़ता जा रहा है। नौकरी के नाम झांसा ( Fraud on The Name of Job ) देकर ठगी तो आम है, लेकिन अब घर में कछुआ लाकर ( Fraud on The Name of Tortoise ) धन में वृद्धि करने के नाम पर भी ठगी की जाने लगी है। खंडेला इलाके में दो दिन पहले खंडेला इलाके में युवक का अपहरण कर ले जाने की मामले की जांच में इसका खुलासा हुआ है। अपहरण ( Kidnap ) की वारदात में शामिल गिरोह ( thagi Gang in Sikar ) कछुआ बेचने के नाम पर लोगों से रुपए ठगने का काम करता है। स्टार व 20 नख के कछुआ के एक से पांच लाख रुपए तक ठग लेता है। गिरोह कितना शातिर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पैसा वापस मांगने पर युवक का अपहरण कर ले गए। हालांकि बाद में पुलिस का दबाव बढऩे पर युवक को वापस छोड़ दिया गया।

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खंडेला थानाधिकारी उमाशंकर ने बताया कि इलाके के रलावता गांव के विजय कुमार ने 13 जुलाई को थाने में मामला दर्ज करवाया था कि वह शीशराम और महेश कुमार के साथ पदमपुरा गांव के बस स्टैंड पर बैठा था। उसी दौरान मांडोता जयपुर निवासी मुखराम बावरिया, सुरेन्द्र, सागरमल बावरिया व घोठी देवी उर्फ मीना देवी व अन्य लोग जीप लेकर वहां आए। उन्होंने उससे पास से 10 जनवरी को उधार लिए गए रूपये लौटाने के लिए गाड़ी के पास बुलाया। जैसे ही वह लोग गाड़ी के पास गया। उन्होंने शीशराम को गाड़ी में पटक लिया। बाद में गाड़ी श्रीमाधोपुर की तरफ ले गए।

 

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गिरोह की महिला सदस्य ने खोला राज
अपहरण के इस मामले में पुलिस ने जयपुर के मांडोता निवासी मुखराम बावरिया (19) पुत्र रामदयाल बावरिया को सोमवार को खंडेला बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। मुखराम को पुलिस मंगलवार को न्यायालय में पेश करने ले गई। पीडि़त शीशाराम ने वहां एक महिला को देखकर पुलिस से कहा कि अपहरण की वारदात में शामिल महिला यहीं पर है। इस पर पुलिस ने उसकी तलाश की तो आरोपित महिला न्यायालय परिसर में छिप गई। पुलिस ने बाद में आरोपित महिला घोठी देवी उर्फ मीना बावरिया (45) को न्यायालय परिसर के बाहर से गिरफ्तार किया गया। मामले के जांच अधिकारी एएसआई धूकल सिंह ने बताया कि महिला से पूछताछ में सामने आया है कि उनका गिरोह कछुवा बेचने के नाम पर ठगी का काम करते हैं। इस मामले भी पीडि़त से कछुआ बेचने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए अग्रिम लिए गए थे।


नर्सरी मालिक की धमकी से डरकर छोड़ा
आरोपी शीशराम को मांडोता एक नर्सरी में ले गए। वहां पर उसे बंधक बनाने का प्रयास किया, लेकिन उसी दौरान नर्सरी का मालिक वहां आ गया। उसने आरोपियों से कहा कि वह इसकी सूचना पुलिस को देगा। इससे डरकर आरोपियों ने शीशराम को छोड़ दिय। इसके बाद आरोपी मौके से भाग गए। सूचना पर शीशराम के परिजन वहां गए और उसे लेकर आए। इसके बाद थाने में मामला दर्ज करवाया गया।


नाम और पहचान बदलकर करते हैं वारदात
गिरोह के लोग अपना नाम और पहचान बदलकर वारदात करते हैं। पुलिस को अभी तक इनके पास कछुआ नहीं मिला है। लेकिन यह सामने आया है कि यह खुद के पास कछुआ होने की जानकारी देते हैं। साथ ही उसके फायदे भी बताते हैं। पैसा लेकर जाने के बाद सम्पर्क नहीं करते। इस मामले में सामने आने पर उन्होंने पैसा लेने के बाद दबाव बनाने के लिए अपहरण कर लिया। आरोपित महिला को बाद में न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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