बेरोजगारों का कहना है कि सरकार की ओर से इंटर्नशिप के नाम पर पूरी चाकरी कराई जा रही है। लेकिन हाजिरी के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। सीकर की तरह प्रदेश के अन्य जिलों भी में ऐसे ही हाल है। बेरोजगारों को सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप करने के बावजूद अक्टूम्बर व नवम्बर महीने का भत्ता नहीं मिला हैं।
जिले में कुल 15 हजार 756 बेरोजगार अभ्यर्थियों को इंटर्नशिप के लिए सरकारी विभाग आवंटित किए गए हैं। लेकिन में वर्तमान में बेरोजगारी भत्ता 14 हजार 229 अभ्यर्थियों को ही मिल रहा हैं। विभाग का तर्क है कि अन्य अभ्यर्थियों ने विभाग आवंटित होने के बाद कार्यग्रहण नहीं किया। प्रदेश में चार घंटे इंटर्नशिप करने वालों को ही बेरोजगारी भत्ते देने का प्रावधान है।
विभाग का दावा: अब तक 24 करोड़ का भुगतान
भुगतदान में देरी को लेकर विभाग के अपने दावे है। विभाग का दावा है कि सितम्बर महीने में 14 हजार 229 अभ्यर्थियों को पांच करोड़ 90 लाख 68 हजार 771 रुपए का पेमेंट हुआ। इसमें 7 हजार 985 महिला अभ्यर्थियों को 3 करोड़ 48 लाख 80 हजार 964 रुपए और 6 हजार 244 पुरूष अभ्यर्थियों को 2 करोड़ 41 लाख 37 हजार 807 रुपए का बजट जारी किया गया। विभाग का दावा है कि 18 अक्टूम्बर तक के आवेदनों को अप्रव्यूल कर दिए। 10 जनवरी तक अभ्यर्थियों के खाते में पैसे जमा हो जाएंगे। विभाग ने अप्रैल से सितंबर महीने तक वर्तमान वित्तीय वर्ष में 24 करोड़ 89 लाख 21 हजार 183 रुपए का भुगतान किया है।
दो लाख बेरोजगार योजना के दायरे में
प्रदेश में दो लाख बेरोजगार युवाओं को इंटर्नशिप के आधार पर भत्ता मिल रहा हैं। सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप से भी कुछ बेरोजगारर अभ्यर्थियों ने सोशल डिस्टेंस बना लिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इंटर्नशिप के कारण उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय नहीं मिल रहा हैं।
बेरोजगारों का दर्द: 70 किलोमीटर दूर से रोजाना आ रहे इंटर्नशिप करने
केस एक: पहले दिखाया ऑप्शन, बाद में ठहराया अयोग्य
बेरोजगार पंकज कुमार ने बताया कि जुलाई महीने आवेदन किया था। तीन दिन पोर्टल पर इंटर्नशिप का ऑप्शन मिला। इसके बाद भत्ते के लिए अयोग्य ठहरा दिया। इसी तरह शिक्षा मील का कहना है कि उन्होंने कई बार आवेदन कर दिया। लेकिन कई बार पेंच फंसा दिया। सभी दस्तावेजों की पूर्ति करने के बाद पैसा नहीं मिला है।
केस दो: फिर कैसे करें तैयारी
श्रीमाधोपुर निवासी अभ्यर्थी सुरेन्द्र ने बताया कि दिन में वह इंटर्नशिप के लिए ब्लॉक में जाते। शाम के समय कोचिंग के लिए सीकर आते है। भत्ता नहीं मिलने की वजह से आर्थिक संकट बढ़ गया है। उन्होंने दो महीने का भुगतान जल्द कराने की मांग की है।
इनका कहना है
सितम्बर महीने तक का भत्ता बेरोजगारों को दिया जा चुका है। अक्टूबर महीने के भुगतान की प्रक्रिया जारी है। जल्द बेरोजगारों को भुगतान कराने की कोशिश है।
राकेश चौधरी, रोजगार अधिकारी