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सिंगरौली

सिंगरौली के इस बड़ी कंपनी में कमीशन का खेल, ओवरलोड हो रहे कोल वाहन

परिवहन में एनजीटी का आदेश भी हो रहा नजरअंदाज

सिंगरौलीApr 08, 2019 / 12:50 am

Amit Pandey

Commissioned game in NCL mine, overloaded coal vehicle

Commissioned game in NCL mine, overloaded coal vehicle

सिंगरौली. बिजली उत्पादन करने के लिए एनसीएल की परियोजनाओं से कर्ई कंपनी कोयला ले रही हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि एनसीएल की खदानों से कोयला लेकर जाने वाले वाहन कमीशन के खेल में ओवरलोड हो रहे हैं। वाहनों के ओवरलोड होने का नतीजा यह कि एक ओर जहां कोयला कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं। यह खेल कोयला कंपनी के अधिकारियों, ट्रांसपोर्टरों, जिला प्रशासन व पुलिस के बीच सेटिंग से चल रहा है।
एनसीएल की परियोजनाओं से कोयला परिवहन कर रहे वाहनों के लिए निर्धारित क्षमता तय किया गया है। ताकि वाहन ओवरलोड कोयला भरकर परिवहन न करें लेकिन हकीकत यह है कि 35 टन की क्षमता वाले वाहन में 45 टन से अधिक कोयला भरा जा रहा है। यहां एनसीएल व प्रशासन की सांठगांठ से ओवरलोड का खेल चल रहा है। कमीशन के आगे सारे नियम कायदे बौने साबित हो रहे हैं। इसकी जानकारी एनसीएल के अधिकारियों व जिला प्रशासन को होने के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पाना इन अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जबकि कोल परिवहन करते ओवरलोड वाहन कई लोगों की जिंदगी ले चुके हैं।
बिना पासिंग अंदर प्रवेश कर रहे वाहन
हैरत की बात तो यह है कि परियोजनाओं में कोयला भरनेे जा रहे वाहन बिना पास आसानी से अंदर प्रवेश कर लेते हैं और फिर वहां से ओवरलोड कोयला लेकर उसी रास्ते से बाहर निकलते हैं। यहां गेट पर एनसीएल की सिक्योरिटी तैनात रहती है। बताया गया है कि कोल ट्रांसपोर्टर बिना पासिंग वाहन को अंदर प्रवेश कराकर कोयला लेकर जाने के एवज में सिक्योरिटी इंचार्ज को कमीशन देते हैं। जिससे इन्हें छूट दे दी जाती है।
पुलिस को पहुंचता है कमीशन
नाम नहीं छापने के शर्त पर ट्रांसपोर्टर ने बताया कि चौकी पुलिस को प्रत्येक महीने कमीशन के एवज में एक ट्रांसपोर्टर की ओर से एक लाख रुपए दिया जाता है। यही वजह है कि चौकी पुलिस इन ओवरलोड वाहनों को नजरअंदाज कर देती है। भले ही दुर्घटनाएं घटित होने पर पुलिस को परेशानियों का सामना पड़े। इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
कांटा पर होता है बड़ा खेल
सूत्रों के मुताबिक , जब कोयला भरकर ट्रेलर वाहन तौल कराने के लिए कांटा पर जाते हैं। जहां निर्धारित क्षमता से एक टन अधिक होने पर तीन हजार रुपए कांटा पर तैनात एनसीएल कर्मचारी को दिया जाता है। इसी तरह एक वाहन में पांच टन ओवरलोड है तो उसके एवज में 15 हजार रुपए कमीशन दिया जा रहा है। एनसीएल से कोयला ले रही संबंधित कंपनी कांटा पर अपने एक कर्मचारी को तैनात रखती है।
यह है स्थिति
वाहन क्षमता परिवहन कर रहे
ट्रेलर 32 टन 50 टन
हाइवा 22 टन 30 टन
बॉडी गाड़ी 25 टन 32 टन

कंपनियां यहां से ले रही कोयला
एनसीएल अधिकारियों के मुताबिक एनसीएल की दस परियोजनाएं संचालित हैं। जिसमें जयंत परियोजना, दुद्धीचुआ परियोजना, निगाही, अमलोरी, झिंगुरदा, बी ब्लाक, खडिय़ा, ककरी, बिना, कृष्णशीला शामिल है। यहां परियोजनाओंं से अन्य कंपनियां कोयला ले रही हैं।
यहां के कांटा पर सब कुछ सही
ब्लाक बी गोरबी में दो कांटा, दुद्धीचुआ में दो कांटा, जयंत परियोजना में चार कांटा, निगाही में दो कांटा व खडिय़ा में एक कांटा सहित अन्य परियोजनाओं में भी तौल करने के लिए कांटा लगा है। यहां ओवरलोड वाहनों में निर्धारित भार दिखाया जाता है। मतलब, सब कुछ सही चल रहा है।
वर्जन:-
एनसीएल परियोजनाओं में कांटा पर तौल में कमीशन का खेल चल रहा है। यह मामला संज्ञान में है क्योंकि कोयला परिवहन कर रहे वाहन अक्सर ओवरलोड देखे जा रहे हैं। जिला प्रशासन व एनजीटी के शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं। इनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
नागेश सिंह, एसडीएम सिंगरौली।

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