सिंगरौली विधानसभा सीट (singrauli vidhan sabha constituency) के लिए पहली बार 1951 में चुनाव हुए थे। यह सीट सिंगरौली निवास के नाम से जानी जाती थी। वोटरों को दो विधायक चुनने थे। खैराही गांव की सुमित्री को सोशलिस्ट पार्टी ने प्रत्याशी बनाया। उनके खिलाफ कांग्रेस व भारतीय जनसंघ सहित अन्य दलों के छह उम्मीदवार थे। तब सुमित्री और श्याम कार्तिक दुबे चुनाव जीते थे। यह सीट विंध्य प्रदेश में आती थी। तब वहां 48 सीट थीं। बाद में विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश में शामिल किया गया।
कभी पालकी में निकलतीं थीं…
सुमित्री के परिजन शोभा सिंह बताते हैं कि विधायक बनने के बाद उनकी दादी सुमित्री पालकी की सवारी करती थीं। अब खपरैल घर और ऊबड़-खाबड़ सड़कें ही यहां की पहचान है। अब परिवार खेती-किसानी करता है।