नई सरकार से उम्मीद, सीएम भी बिजली व पानी को लेकर सख्त
करीब 50 वर्षों से सीता वन कॉलोनी में बसने वाले परिवारों की जमीन पर वन विभाग का दावा करने के बाद वन विभाग और इन परिवारों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चली। खसरा नंबर 492 पर करीब 40 परिवार निवासरत हैं। जिन्हें वन विभाग ने अतिक्रमण मानते हुए 1998 को इन परिवारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सीसीएफ व तहसील न्यायालय ने इन परिवारों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए बेदखल करने का आदेश दिया। उसके बाद इन परिवारों ने जिला कलक्टर के समक्ष अपील की, लेकिन जिला कलक्टर ने खारिज कर दिया। उसके बाद माउंट आबू ग्रीष्मकालीन अवकाश पर पहुंचे राज्यपाल से यह लोग मिले तो राज्यपाल ने 14 जून 1998 को आवासीय योजना में इन लोगों को अन्य जगह स्थापित करने के आदेश दिए।इनका कहना है
कॉलोनी में करीब 60 घर है। विद्युत कनेक्शन किसी घर में नहीं है। पानी का एक सार्वजनिक नल है, जिसके भरोसे पूरी कॉलोनी है। एकांतरे जलापूर्ति में एक मटके से ज्यादा पानी नसीब नहीं हो पाता है। कई बार किसी परिवार को तो पानी मिलता भी नहीं है। बुजुर्ग, महिला व बच्चे बहुत परेशान हैं।मनोज कुमार, सीतावन निवासी