शुरू से ही रोबोटिक्स में थी दिलचस्पी
सीकर के रहने वाले सूर्य प्रकाश ने अजमेर के सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर रोबोटिक्स से जुड़े। सूर्य प्रकाश का कहना है कि उन्हें शुरू से ही से ही रोबोट्स में इंटरेस्ट था। जबकि परिवारजन आर्मी में भेजना चाहते थे। सूर्य प्रकाश ने सेना में जाने की तैयारी की और नेवी में चयन हो गया। नेवी में नौकरी मिलने के बाद भी मन रोबोट्स में ही अटका हुआ था। आखिरकार परिवार ने उन्हें आईटी फिल्ड में जाने की परमिशन दे दी। इंजीनियर सूर्य प्रकाश की शादी ‘रोबो गीगा’ रोबोट से होने जा रही है। सूर्य प्रकाश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि ये शादी पूरे विधि विधान और भारतीय रस्मों से संपन्न होगी। शादी में परिजन और दोस्त भी शामिल होंगे। बताया जा रहा है तमिलनाडु में गीगा का निर्माण होगा और इसकी प्रोग्रामिंग दिल्ली की जाएगी।
रोबोट को बनाने में खर्च होंगे 20 लाख रूपये
सूर्य प्रकाश ने बताया कि जब मैंने बताया तो मेरी बात सुनकर माता-पिता चौंक गए लेकिन मेरा फैसला अडिग देखकर वो भी मान गये। गीगा के निर्माण पर करीब 20 लाख खर्च होंगे। जिसमें प्रोगामिंग की लागत लगभग 5 लाख रुपए होगी। ये प्रोग्रामिंग अंग्रेजी मे होगी लेकिन इसमें हिंदी प्रोग्रामिंग भी एड होगी। सूर्य प्रकाश का कहना है कि गीगा आठ घंटे तक काम कर सकेगी। पानी लाना, गेस्ट का वैलकम करना सवालों के जवाब देना शामिल है। वह अभी तक चार सौ रोबोटिक्स प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके सूर्य प्रकाश कोरोना काल में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मरीजों को दवा और खाना देने वाले रोबोट तैयार कर चुके हैं। एक प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही इजरायल की सेना के साथ जुड़ने वाले सूर्य प्रकाश जब भारत लौटेंगे तो भारतीय सेना के साथ काम करने की इच्छा है।