एंबुलेंस दादा नाम सुनते ही आपको कुछ याद आया होगा। जी हां, आप सही सोच रहे हैं, देशभर में एंबुलेंस दादा के नाम से मशहूर उन्हीं करीमुल हक की जिंदगी पर फिल्म बन रही है। 52 साल के करीमुल हक जलपाईगुड़ी के एक चाय बागान में नौकरी करते हैं। उनका वेतन है मात्र पांच हजार रुपए महीना। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। उनकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव तब आया, जब उनकी मां बीमार हुई और उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं मिला। इस वजह से वह अपनी मां को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाए और उनकी मां ने प्राण त्याग दिए।
इस हादसे ने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी। उन्होंने तय किया कि एंबुलेंस की कमी के कारण वह किसी को मरने नहीं देंगे। इसके बाद वो अपने गांव और उसके आस-पास के बीमारों को खुद एंबुलेंस बनकर अस्पताल ले जाने लगे। इसके बाद उन्होंने अपनी बाइक को ही एंबुलेंस में बदल दिया। चाहे ठंड हो, गर्मी या फिर बारिश- करीमुल हक 24 घंटे लोगों की सेवा में लगे रहते हैं। वह अब तक अपनी बाइक एंबुलेंस के जरिये सैकड़ों अस्वस्थ लोगों को पहुंचाकर उनका जीवन बचा चुके हैं।
उनके इसी ज’बे और सेवा के कारण केंद्र सरकार ने 2017 में उन्हें पद्मश्री के सम्मान से नवाजा गया। लेकिन उनकी राह बहुत आसान नहीं थी। बेहद कम तनख्वाह और संसाधनों के अभाव के चलते यह काम उनके लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा था। तब जिस चाय बागान में वह काम करते हैं, उसके मालिक से इस बारे में बात की और मदद के लिए उनसे उनकी पुरानी बाइक मांगी। उनके इस काम में बागान के मालिक भी साथ आए और उन्होंने अपनी बाइक उन्हें दे दी। इसके बाद एम्बुलेंस दादा ने उस बाइक में कुछ सुधार कर उसे एंबुलेंस का रूप दिया। फिर तो वह दूर-दूर के गांवों में भी जाकर बीमारों को अस्पताल पहुंचाने लगे।
इसके बाद कुछ और लोग एंबुलेंस दादा की मदद के लिए आगे आए। इनसे मदद के लिए करीमुल को जो भी आर्थिक मदद मिलती है, वह उस रकम से अपनी एबुंलेंस में फस्र्ट एड और दवाइयां रखले लगे, ताकि जरूरमंद लोगों को शुरुआती इलाज मिल जाए। उनके इसी ज’बे को सलाम करते हुए एक बाइक कंपनी ने उन्हें बाइक एंबुलेंस उपहार में दी है, जिसके बाद उनका काम और आसान हो गया है।
अब इन एंबुलेंस दादा की जिंदगी पर एक फिल्म बनने जा रही है। फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ के सहायक निर्देशक रहे विनय मुद्गल उनकी जिंदगी पर ‘एंबुलेंस मैन’ नामक फिल्म बनाएंगे। फिल्म में करीमुल की जिंदगी और उनकी ओर से गरीबों की मदद के लिए किए जा रहे कामों को पेश किया जाएगा। फिल्म के लेखक व निर्देशक विनय मुद्गल होंगे। विनय के सहायक आलोक सिंह ने बताया कि एंबुलेंस दादा करीमुल हक के साथ फिल्म संबंधी एग्रीमेंट हो चुका है। फिल्म का 50 फीसदी लाभांश करीमुल हक को दिया जाएगा।