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मीडियाकर्मियों को सलाखों के पीछे भेजने में चीन और म्यांमार आगे

दुनियाभर में रेकॉर्ड 393 पत्रकार और मीडियाकर्मी सलाखों के पीछे हैं। संगठन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इजरायल-हमास युद्ध से बीते तीन दशकों में किसी भी संघर्ष की तुलना में सबसे ज्यादा पत्रकार मारे गए हैं।

Dec 09, 2023 / 11:40 am

Kiran Kaur

मीडियाकर्मियों को सलाखों के पीछे भेजने में चीन और म्यांमार आगे

मीडियाकर्मियों को सलाखों के पीछे भेजने में चीन और म्यांमार आगे

ब्रसेल्स। वैश्विक स्तर पर इस साल काम के दौरान मारे गए पत्रकारों में से 72 फीसदी (68) गाजा संघर्ष में मारे गए। इनमें से भी अधिकांश फिलीस्तीनी पत्रकार थे। पत्रकारों के संगठन इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आइएफजे) के अनुसार 2023 में अब तक 94 पत्रकारों की जान जा चुकी है, जिनमें नौ महिलाएं भी शामिल थीं। इसके अलावा दुनियाभर में रेकॉर्ड 393 पत्रकार और मीडियाकर्मी सलाखों के पीछे हैं। संगठन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इजरायल-हमास युद्ध से बीते तीन दशकों में किसी भी संघर्ष की तुलना में सबसे ज्यादा पत्रकार मारे गए हैं।
अंधाधुंध बमबारी का शिकार हुए पत्रकार:

इसी साल सात अक्टूबर के बाद से गाजा में युद्ध कवरेज के दौरान एक दिन में एक से अधिक पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई है। ये पत्रकार इजरायली सेना की अंधाधुंध बमबारी का शिकार हुए। यह साल भी गत वर्ष की तरह युद्ध में मारे गए मीडियाकर्मियों की स्थिति दर्शाता है। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि पत्रकारों के जीवन की सुरक्षा और उनके हमलावरों को दंडित करने के लिए वैश्विक देशों को कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
मीडियाकर्मियों के लिए खतरनाक देश यूक्रेन :

यूरोप में यूक्रेन पत्रकारों के लिए खतरनाक देश बना हुआ है। इस साल युद्ध में यूक्रेनी, रूसी और फ्रांसीसी तीन पत्रकारों की जान चली गई। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जहां पिछले कई सालों से पत्रकारों की हत्याएं होती रही हैं, वही स्थिति इस बार भी जारी रही। यहां भले ही 2022 की तुलना में मृत्यु का आंकड़ा कम रहा हो लेकिन आइएफजे यहां इनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इस क्षेत्र में अफगानिस्तान में दो, फिलीपींस में दो, भारत में एक, चीन में एक और बांग्लादेश में भी एक पत्रकार को जान गंवानी पड़ी।
तीन सालों में बढ़ीं पत्रकारों की गिरफ्तारियां :

रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तार किए गए पत्रकारों की सूची चीन, मिस्र, ईरान, म्यांमार, तुर्की और रूस जैसे देशों में राजनीतिक दमन की निरंतरता पर प्रकाश डालती है, जिसमें पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जेल में 80 पत्रकारों के साथ चीन और हांगकांग इस सूची में शीर्ष पर हैं। इसके बाद म्यांमार (54), तुर्की (41) और रूस (40) का स्थान है। जबकि पिछले साल विश्व में कुल गिरफ्तार पत्रकारों की संख्या 375 थी।
2023 में मारे गए मीडियाकर्मी
मध्यपूर्व और अरब देश- 71
अमरीका- 07
एशिया-प्रशांत क्षेत्र- 07
अफ्रीका- 05
यूरोप- 04
स्रोत: आइएफजे

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