-150 मिलियन टन समुद्री कचरे में पहले ही 80 लाख टन प्लास्टिक हर वर्ष समुद्रों में पहुंच रहा है।
-66 हजार टन कचरा अतिरिक्त अपशिष्ट और 57 हजार टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होगा एक वर्ष में यदि हर ब्रिटिश प्रतिदिन सिंगल यूज मास्क इस्तेमाल करता है
सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा ही नहीं कार्बन उत्सर्जन भी पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। जिसमें लॉकडाउन के दौरान गिरावट देखी गई। ऐसा वाहन और औद्योगिक इकाइयों का बंद रहने से हुआ। चिंता इस बात की है कि महामारी पर्यावरण के खतरे से सरकारों का ध्यान हटा रही है। नवंबर 2020 में संयुक्त राष्ट्र में होने वाला जलवायु सम्मेलन पहले ही टाल दिया गया है। कई अमरीकी शहरों में रिसाइक्लिंग के कार्यक्रम रोक दिए गए हैं। जबकि वायरस से प्रभावित स्पेन, इटली में भी रिसाइक्लिंग को रोका गया है। इसके अलावा महामारी के दौरान मेडिकल वेस्ट और फूड पैकेजिंग वेस्ट भी बढ़ा है। इसके सडऩे से ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि हो रही है।