दवाइयों का पर्याप्त हो स्टॉक
जिला व उप जिला चिकित्सालय पर 01 वार्ड, सीएचसी पर 05 एवं पीएचसी पर 2 बेड आरक्षित हो। चिकित्सा संस्थानों पर लू-तापघात के प्रबन्धन के लिए आवश्यक उपकरणों की क्रियाशिलता एवं पर्याप्त मा़त्रा में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मॉनिटरिंग के लिए लगाएं नोडल
उप जिला चिकित्सालय एवं सा.स्वा.केन्द्रों पर लू-तापघात को लेकर प्रतिदिन प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए एक नोडल अधिकारी (चिकित्सक) एवं सहायक नोडल अधिकारी (सीनियर नर्सिग अधिकारी) नियुक्त करने तथा प्राथमिक स्वा.केन्द्रों पर चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए।
एंबुलेंस और ऑक्सीजन की व्यवस्था
सभी जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी 108 एम्बुलेंस का निरीक्षण कर उपकरण व दवाओं ऑक्सीजन की उपलब्धता, पंखे, एसी की क्रियाशीलता तथा कोल्ड बॉक्स, आइस क्यूब की उपलब्धता सुनिश्चित करें। नरेगा साइट्स पर मैट्स या सुपरवाइजर से सम्पर्क कर छायादार व ठंडे स्थान पर श्रमिकों से कार्य करवाने के निर्देश दिए।
अस्पतालों में एसी-कूलर सही हो
चिकित्सा संस्थान में वार्ड, डीडीसी, ओपीडी, प्रतिक्षालय में पंखे, कूलर, एसी की व्यवस्था सही स्थिति में हो। ओआरएस कॉर्नर की व्यवस्था प्रत्येक वार्ड में करवाएं। उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक ओआरएस, जिंक, आईवी फ्ल्यूड की उपलब्धता होना जरूरी है। आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम के पास भी ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
तापघात से बचाव के लिए सावधानियां
–जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो-सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें -बहुत अधिक भीड़ व गर्म व घुटन भरे स्थानों पर जाने से बचें-भूखे पेट बाहर नहीं जाएं, ताजा भोजन करें – गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को कपड़े से ढक़ें-आंखों पर रंगीन चश्में एवं छाते का प्रयोग करें -पानी के साथ नींबू, नारियल पानी, जूस का दिन में प्रयोग करें स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें