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सिंचाई परियोजना का लाभ देने की मांग पकड़ रही जोर, गांवों के लोग हो रहे एकजुट

बीना नदी सिंचाई योजना में पहले जोड़े गए थे सभी गांवों के नाम, नई सूची में छोड़ दिए गए हैं गांव, अब ग्रामीणों ने बनाया मुद्दा और मतदान बहिष्कार की दे रहे चेतावनी।

सागरApr 29, 2024 / 12:50 pm

sachendra tiwari

Demand to provide benefits of irrigation project is gaining momentum

चुनाव बहिष्कार का बैनर हाथ में लेकर विरोध करते ग्रामीण

बीना. बीना नदी सिंचाई परियोजना में छूटे पचास गांवों को जोडऩे की मांग गांव-गांव उठने लगी है और मांग पूरी न होने पर मतदान बहिष्कार की चेतावनी ग्रामीण दे रहे हैं। मतदान करने की समझाइश प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को दी जा रही है।
रविवार को ग्राम सेमरखेड़ी, निवोदा, बेरखेड़ी, बिलाखना में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का बैनर हाथों में लेकर जमकर नारेबाजी की। जो गांव इस परियोजना में छूटे हैं, उन गांवों में प्रदर्शन किया जा रहा। ग्रामीणों का कहना कि गांवों में सिंचाई के साधन नहीं हैं और परियोजना के तहत नहर आने की उम्मीद जागी थी, लेकिन पचास गांवों को इससे अलग कर दिया गया है। यदि इन गांवों को परियोजना में नहीं जोड़ा जाएगा, तो 7 मई को लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान का बहिष्कार किया जाएगा।
इन गांवों को नहीं किया गया है शामिल
परियोजना से कलरावनी, देहरी, सेमरखेड़ी, कचनोदा, निबोदा, बेरखेड़ी माफी, बरमाइन, बेधई, परासरी, बिल्धव, उमरिया, जुगपुरा, छायनकाछी, रमपुरा, पिपरासर, सोनचर, भूट, बरौदिया, दुधावनी, पालीखेड़ा, देवल, बलारखेड़ी, कंजिया, दौलतपुर, कठाई, आगासौद, पुरैना, हांसुआ, धरमपुर, बेसराकसोई, लखाहर, बाघारूपा, ढाना, सिरचौपी, भोजपुर, महादेवखेड़ी, बम्होरी दुर्जन, जोध, हिन्नौद, लहटवास, बिलाखना, रुसल्ला, हड़कल जैन, देवराजी, लहरावदा, गिरौल, बगसपुर, रामसागर, गौची, सलीता गांव वंचित हैं।

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