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श्रमवीरों ने पसीना बहाकर चमकाई बाग की बावड़ी

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तहत यहां गुल्ला बावड़ी में श्रमदान कार्य रविवार को 13 वें दिन भी जारी रहा। श्रमवीरों ने कुंड से मलबा निकाला,जो पाट पर ही सूखने के लिए पडा था । उसे आज श्रमदान के समापन के साथ बाहर निकाला गया।

बूंदीJun 03, 2024 / 04:40 pm

पंकज जोशी

श्रमवीरों ने पसीना बहाकर चमकाई बाग की बावड़ी

नैनवां। बाग की बावड़ी से कचरा निकालते श्रमवीर।

बूंदी. पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तहत यहां गुल्ला बावड़ी में श्रमदान कार्य रविवार को 13 वें दिन भी जारी रहा। श्रमवीरों ने कुंड से मलबा निकाला,जो पाट पर ही सूखने के लिए पडा था । उसे आज श्रमदान के समापन के साथ बाहर निकाला गया।
मलबे के साथ ही अधिक मात्रा में पत्थर भी नियमित श्रमवीरों के सहयोग से बाहर निकाले गए साथ ही कुंड के ऊपर प्रशासनिक या भामाशाह के सहयोग से लोहे का जाल लगाने का निर्णय पर्यावरण प्रेमियों ने किया,ताकि ऊपर से फेंकने वाला कचरा कुंड में ना जाकर वहीं इकट्ठा हो जाए और गंदगी कुंड में एकत्रित ना हो। श्रमवीरों ने कहा कि आगे भी जल संरक्षण के लिए कार्य करते रहेंगे इस दौरान सलिल भाटी, डॉ. संपूर्णानंद सिंह,पार्षद मनीष सिसोदिया, उमेश जोशी, अशोक रावत, बुद्धि सालवी, दिवाकर जोशी, डॉ.पीताबर शर्मा, नाथूलाल सोनी,बलराम, नरेंद्र सिह आदि श्रमवीर मौजूद रहे।
कहां बावड़ियां हमारी धरोहर, इनको संवारने की जिम्मेदारी
नैनवां.
राजस्थान पत्रिका के अमृतं-जलम अभियान के तहत रविवार को श्रमवीरों ने पसीना बहाकर शहर के नीलकण्ठ महादेव मंदिर के सामने स्थित पांच सदीं पुरानी रियासतकालीन बाग की बावड़ी को सफाई कर को चमका दिया। बावड़ी की सीढ़ियों, झरोखों एवं ताकों में जमा पांच क्विंटल से अधिक कचरे को बाहर निकाला। बजरंगदल के कार्यकर्ता व अन्य समाज सेवी बावड़ी की सफाई करने और कचरे को बाहर निकालने के संसाधन लेकर सूर्योदय के साथ पहुंच गए। बावड़ी में जमा कचरे की स्थिति को देख कचरा बाहर निकालने के लिए संसाधन बढाने पड़े।
सफाई हुई तो दमकने लगी
बाग की बावड़ी कभी पूरे शहर की प्यास बुझाती थी। तीन दशक पहले तक जलदाय विभाग मोटरें लगाकर बावड़ी से शहर में जलापूर्ति करता था।भीषण अकाल के समय भी नही सूखने वाली धरोहरों में से एक है। नैनवां को बसाने वाले किलेदार नाहर खानसिंह द्वारा पांच सदी पूर्व बावड़ी का निर्माण कराया था। तीन खंडो की बनी बावड़ी में शिल्प कला का भी नमूना है। बाड़ी के अन्दर झरोखों में एक ही पत्थर से बनी हाथी की प्रतिमाएं, सीढियों के पत्थरों पर हो रही शिल्प कला मोहित करती है।
ग्रामीणों ने किया श्रमदान
रामगंजबालाजी.
क्षेत्र के उमरथुना गांव के ग्रामीणों ने पहाड़ी के निकट माताजी के मंदिर स्थित बावडी में श्रमदान किया। रामनगर पंचायत के उमरथूना गांव में प्राचीन हिंगलाज मंदिर की पहाड़ी के पीछे बहुत प्राचीन बावडी में ग्रामीणों ने श्रमदान किया। गत वर्ष बारिश कम होने के कारण बावड़ी का पानी सूखने लगा था। पक्षियों और मवेशियों को पानी की समस्या होने लगी।गांव के कुछ नौजवानों के द्वारा श्रमदान कर बावड़ी से मलवा बाहर निकाला गया, जिसमें पानी की आवक होने लगी।श्रमदान करने वाले वन समिति के अध्यक्ष श्रवण मीणा कोषाध्यक्ष सोनू मीणा ,मदन गोपाल मीणा ,दिलखुश मीणा, नरेंद्र मीणा, गोलू मीणा आदि ने श्रमदान करके जल सहजने के लिए बराबर सफाई करने का निर्णय लिया।
यह पहुंचे श्रमदान करने
बजरंगदल के जिला संयोजक लक्की चौपडा, विद्यार्थी प्रमुख शेखर व्यास, बजरंगदल शहर अध्यक्ष अंकित मारवाड़ा, कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल शर्मा, दीपक सैनी, पवन पारासर, केशव शर्मा, प्रांजल जैन, विवेक बजाज, सुनील सेन, कुलदीप नागर, नितेश नागर सफाई के लिए बावड़ी में उतरकर सफाई कार्य मे जुटे। बावड़ी की सीढ़ियों पर अटे कचरे को बाहर निकालना शुरू किया। सीढ़ियों पर जमा कचरे को बाहर निकाल बावड़ी को चमकाने के बाद बावड़ी में हो रही गन्दगी को हटाकर शिल्प कला को भी चमका दिया।

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