अनुराग ठाकुर ने हलफनामे में कहा है कि वह कम उम्र में ही सार्वजनिक जीवन में आ गए थे और तीन बार से लोकसभा के सदस्य रहे हैं। उनके मन में शीर्ष न्यायालय के प्रति उच्च सम्मान है। उन्होंने न तो कोई झूठा हलफनामा दाखिल किया और न ही वह किसी तरह से न्यायालय के आदेशों में दखल देना चाहते थे।
ठाकुर के अनुसार, उन्होंने सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष शशांक मनोहर से दुबई में इस मुद्दे पर सिर्फ उनका पक्ष पूछा था, क्योंकि बीसीसीआई का अध्यक्ष रहते वक्त उनकी यही राय थी। न्यायालय में हलफनामा दाखिल करने से पहले 2015 में केपटाउन में शशांक मनोहर ने खुद जवाब का मसौदा तैयार कराया था और कहा था कि इस जवाब में कोई दिक्कत नहीं है।