
Chanchala Kumari
हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अभावों में रहकर भी कई खिलाड़ियों ने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। अब झारखंड की चंचला कुमारी पाहन भी कुश्ती के विश्वन चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर ऐसा करने जा रही है। गरीब आदिवासी परिवार की 14 वर्षीय लड़की चंचला 19 से 25 जुलाई तक आयोजित विश्व सब जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेंगी। चंचला राज्य की पहली खिलाड़ी है जो कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जा रही है। अब सरकार भी उसकी सहायता कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चंचला से मुलाकात की और इस बात का ऐलान किया कि सरकार चंचला की खेल की सारी जरूरतों को पूरा करेगी। चंचला के अभ्यास व खेल में जो भी आवश्यकताएं होंगी, सरकार द्वारा उसे पूरा किया जाए।
चंचला ने किया खेतों में काम
चंचला एक गरीब परिवार में जन्मी हैं और असुविधाओं के बीच भी उसने खुद को तैयार किया और भारतीय कुश्ती टीम में शामिल हुई। वहीं पहलवानों को शारीरिक मजबूती के लिए स्पेशल डायट की जरूरत होती है, लेकिन उसने माड़—भात और कभी कभी दाल और सब्जी खाकर खुद को तैयार किया। जब चंचला के पिता सरकारी योजना के तहत घर बना रहे थे तो उन्होंने बाहर से मजदूर नहीं बुलाए। चंचला सहित पूरा परिवार मकान बनवाने में मजदूर की तरह काम कर रहे थे चंचला के पिता नरेंद्र नाथ पाहन का कहना है कि चंचला ने खेतों में भी काम किया है और पीठ पर बोरा भी उठा लेती थी। चंचला भी खेतों में मां-बाप की मदद करती है।
नहीं मिली स्पेशल डाइट
चंचला को कुश्ती की तैयारी के लिए कोई स्पेशल डाइट नहीं मिली। चंचला की मां का कहना है कि वह गरीब हैं ऐसे में उसे अतिरिक्त पौष्टिक भोजन कहां से देते। उसे माड़-भात, भात, पानी में भिगोया हुआ बोथल भात, आलू खिलाते थे। मां का कहना है कि कोच चंचला को अच्छा खाना खिलाने के लिए कहते थे लेकिन गरीबी में कहां से खिलाते। किसी तरह सिर्फ उसके लिए आधा किलो दूध का इंतजाम किया था। राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भोलानाथ, कुश्ती कोच बबलू आदि ने चंचला को तराशा।
'देश के लिए पदक जीतना है'
चंचला कुमारी का 40 किलोग्राम भारवर्ग में चयन हुआ है। चंचला का कहना है कि अब उसका लक्ष्य देश व राज्य के लिए पदक जीतना है। चंचला का कहना है कि वह इसके लिए जमकर मेहनत करेंगी। चंचला कहती है कि नियमित कोच के निर्देश के अनुसार कठिन परिश्रम करती हैं। चंचला ने कहा,'पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने जा रही हूं, लेकिन निशाना ओलंपिक का है। चंचला ने 2017-18 में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया राष्ट्रीय कुश्ती में सिल्वर मेडल और उसके बाद लगातार दो बार गोल्ड मेडल हासिल किया। 2019-20 में अंडर 15 नेशनल कुश्ती में ब्रांज और इस साल सब जूनियर नेशनल में ब्रांज मेडल हासिल किया है।
Updated on:
27 Jun 2021 09:01 am
Published on:
27 Jun 2021 08:58 am
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