अनजान िलंक ओपन करने से बचे
शातिरों की ओर से भेजे गए लिंक को खोलते ही मोबाइल हैक हो जाता है। साइबर ठग आपके मोबाइल के मैसेेज बॉक्स में लिंक भेजते हैं, मैसेज में आए लिंक को ओपन करते ही मोबाइल में एक एंड्रॉयड ट्रोजन स्पाई एप गोपनीय तरीके से इंस्टाल हो जाती है। यह मोबाइल में कहां इंस्टॉल हुई, इसका मोबाइल उपयोगकर्ता को पता भी नहीं चलता। इस एप के इंस्टाल होने के बाद मोबाइल पर आने वाला प्रत्येक संदेश ऑटोमैटिक हैकर के नंबर फॉरवर्ड हो जाता है,जिसके बाद हैकर आसानी से आपका फोन हैक कर आपके बैंक खातों को साफ कर सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार बिना जानकार के भेजे गए लिंक को भूलकर भी ओपन नहीं करें। इसके अलावा अनजान व्यक्ति कॉल कर छुट्टियों में होने वाले खर्च को फाइनेंस कराने के नाम पर, ऑनलाइन किसी प्रोडक्ट पर छूट के नाम पर,ऑनलाइन सर्वे के नाम पर पार्टटाइम ऑनलाइन जॉब का ऑफर देने के नाम पर भी लिंक ओपन करने के लिए कहते है। लिंक ओपन करते ही स्पाई एप मोबाइल में इंस्टाल हो जाती है। इस एप से आपके ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर एप से भी रुपए आपके खाते से गायब हो सकते हैं।
आवाज क्लोन कर कर रहे ठगी
साइबर ठग ठगी करने के अलग-अलग तरीके निकालते रहते है। फोन पर रिश्तेदार की आवाज को क्लोन कर के कॉल किया जाता है। रिश्तेदार को फाेन कर हालात खराब होने का हवाला देते हुए आर्थिक मदद मांगी जाती है। हाल ही में एक व्यक्ति के साथ इस तरह से लाखों रूप की ठगी हो गई है। साइबर ठग ने एआई तकनीक का प्रयोग कर इस व्यक्ति की विदेश में पढ़ रही रिश्तेदार की आवाज में कॉल किया और लाखों रुपए की ठगी कर ली। इसके अलावा खुद को पुलिस बता कर फोन पर किसी रिश्तेदार को जेल में बताकर भी रूप ऐंठने का कार्य भी हो रहा है।ऐसा ही एक प्रयास अभी कुछ दिन पूर्व विनोद सैन के साथ हो चुका है लेकिन विनोद की सजगता के चलते वह ठगी का शिकार होने से बच गया।
ये सावधानी बरतें
एक्सपर्ट के अनुसार अजनबी से दस्तावेज और निजी जानकारी साझा नहीं करें। अनजान नंबर से लिंक आने पर उसे डिलीट कर दें। ऑनलाइन फार्म में किसी भी प्रकार की जानकारी न भरें। यदि इस प्रकार की कोई कॉल आती है तो तुरंत सूचना पुलिस को दें। यदि आपके मोबाइल पर अनजान नम्बर से कोई लिंक आए तो उसे तत्काल डिलीट कर दें।
साइबर सेल का गठन हो
आजकल साइबर ठगी से शिकार काफी लोग न्यायालय में आने लगे हैं। साइबर क्राइम रोकने के लिए जिला मुख्यालय पर साइबर सेल का गठन किया जाता है। अनूपगढ़ जिला की घोषणा होने के एक वर्ष होने को है, लेकिन साइबर सेल का गठन नहीं हुआ है। पुलिस प्रशासन साइबर सेल का जल्द गठन करे ताकि साइबर ठगी के मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके। एडवोकेट तिलकराज चुघ, अनूपगढ़