किसानों ने बताया कि 44 एलएनपी व हरकेवाला गांव के कुछ किसानों को पिछले दस-बारह माह से उनकी बारी का नहर का पानी नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते किसान काफी परेशान हैं। इसको लेकर किसानों की ओर से जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायतें की गई, लेकिन इस संबंध में कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर किसानों ने उनकी पिटी हुई बारियों की क्षतिपूर्ति करने व नियमित बारी से पानी देने की मांग की थी। इसको लेकर किसानों ने एक पत्र जारी कर दिया और लिखा कि यदि इन वारों को पानी नहीं मिलता है तो वारों के किसान से किसान आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। वे श्रीगंगानगर जाकर गंगानहर में डूब मरेंगे। पानी की कमी के कारण डूबने वालों किसानों की जिम्मेदारी रेग्यूलेशन अधिकारियों की होगी।
वहीं एक किसान ने अपनी बारी के पानी की क्षतिपूर्ति नहीं नहीं होने पर गंगनहर में डूबकर आत्महत्या करने का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। किसान का यह पत्र व वीडियो वायरल होने पर पुलिस, प्रशासन व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद घमूडवाली पुलिस हरकत में आई और आत्महत्या की धमकी देने वाले किसान 44 एलएनपी निवासी कृष्ण पुत्र सोहनलाल कुम्हार, रतनलाल पुत्र सूरजभान, हरकेवाला निवासी साहबराम पुत्र देवीदास, धर्मपाल पुत्र नंदराम व रामदत्त पुत्र नखेराम को शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि इन पांचों को पाबंद किया गया है।
इनका कहना है
दिया जा रहा है पानी
नहर में पानी चल रहा है और किसानों को मिल रहा है। जो किसान यह कह रहे हैं कि पानी नहीं मिल रहा है वो गलत हैं। लगातार हर वार को बारी दी जा रही है।
– अरुण कुमार सिडाना, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग, श्रीगंगानगर