यहां तक कि फूलमालाएं डालने और मिठाई बांटने का दौर शुरू हो गया। वहीं सादुलशहर विधानसभा में कांग्रेस से बागी होकर प्रत्याशी रहे ओम बिश्नोई के गुट ने कालियां ग्राम पंचायत के पवनदीप सिंह को अध्यक्ष घोषित कर अपना वर्चस्व बनाने का प्रयास किया। इस गुट के समर्थकों ने भी फूल मालाएं डालकर और मिठाई बांटकर खुशी का इजहार करने लगे।
पंचायत समिति क्षेत्र में 53 ग्राम पंचायतें है। ऐसे में सरपंच एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाकर संबंधित गुट अपने एरिया में विकास कार्य कराने के लिए प्रयास करता है। इससे राजनीतिक रुतबा का प्रयास किया जा रहा है।
यह चुनाव सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के चयन के लिए चार दिन पहले पंचायत समिति सभागार में बैठक बुलाई थी ताकि इस एसोसिएशन का गठन कर सरपंचों की सहमति लेकर अध्यक्ष चुना जा सके।
लेकिन सूर्यग्रहण होने के कारण अधिकांश सरपंच नहीं आए तो कोरम पूरा नहीं का कारण बताकर यह चयन बुधवार को चयन किया गया। इस संगठन का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण ऑन रिकॉर्ड वजूद नहीं है।
इसके बावजूद इस चुनाव को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। पंचायत समिति श्रीगंगानगर और सादुलशहर दोनों में पूर्व मंत्री बराड़ के परिवार और समर्थकों का दबदबा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन होने से इन दोनों पंचायत समितियों में प्रधान और डायरेक्टरों का चुनाव नहीं हो पाया, ऐसे में बराड़ गुट ने रणनीति बना डाली। इस बीच पंचायत समिति परिसर में बराड़ और बिश्नोई गुट में सादुलशहर विधानसभा चुनाव जैसा तेवर देखने को मिला।
उस चुनाव में दोनों गुट चुनाव मैदान में थे लेकिन दोनों की हार हुई थी, तब कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश जांगिड़ ने जीतकर विधायक बने। हालांकि बिश्नोई वापस कांग्रेस में आ चुके है। पंचायत समिति श्रीगंगानगर क्षेत्र में कुल 53 ग्राम पंचायतें है। इसमें 32 ग्राम पंचायतें सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र में और 21 ग्राम पंचायतें श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र में आती है। इन दोनों गुटों ने स्वयं भू अध्यक्ष घोषित करने से सियासत तेज हो गई है।