जिस महापौर के बंगले पर बाला साहेब का भव्य स्मारक स्थापित किया जाना तय हुआ है वह दादर के शिवाजी पार्क के नज़दीक स्थित है। माना जाता है कि इसी जगह पर बाल ठाकरे ने साल 1966 को शिव सेना की स्थापना की थी। वहीँ यहीं से वे दशहरा के मौके पर होने वाली सालाना रैली को भी सम्बोधित करते थे।
मुख्यमंत्री ने बाल ठाकरे के स्मारक बनाने की मांग पर सहमति जताते हुए कहा कि ठाकरे का स्मारक बनाने की मांग सम्पूर्ण महाराष्ट्र की है।
गौरतलब है कि शिव सेना की ओर से पुरज़ोर उठ रही इस मांग के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी किया था। इस कमेटी को दिवंगत ठाकरे का स्मारक बनाने के लिए उपयुक्त जगह को तलाशने का ज़िम्मा सौंपा गया था।
पिछले दिनों इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इस सम्बन्ध में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को लेना था जो प्रदेश के शहरी विकास महकमें का ज़िम्मेदारी भी संभालते हैं।
इससे पहले शिव सेना ने स्मारक बनाये जाने के एक और संभावित स्थान पर ऐतराज़ जताया था। वडाला में संभावित जगह का यह कहते हुए शिव सेना ने आपत्ति जताई थी कि यह जगह शिवाजी पार्क और पार्टी के मुख्यालय सेना भवन से दूर है।
शिव सेना नेताओं के मुताबिक़ सीएम की ओर से आधिकारिक मंज़ूरी मिलने के बाद अब पार्टी बाला साहेब का स्मारक बनाने में जी-जान और ज़ोर-शोर से जुट जायेगी।
17 नवम्बर 2012 को बाल ठाकरे के निधन के बाद उनका शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया गया था।