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बारां

अब कौन होगा अन्ता नगरपालिका का अध्यक्ष

यूं तो अन्ता नगर पालिका के कार्यकाल की समाप्ति में करीब डेढ़ वर्ष से कुछ अधिक ही समय शेष बचा है। लेकिन नगर पालिका के चेयरमैन मुस्तफा खान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद बदलते घटनाक्रम ने अन्ता क्षेत्र के लोग असमंजस में हैं। मुखिया नहीं होने से कई काम भी अटक गए हैं।

बारांMar 28, 2024 / 10:31 pm

mukesh gour

अब कौन होगा अन्ता नगरपालिका का अध्यक्ष

अब कौन होगा अन्ता नगरपालिका का अध्यक्ष

बारां. यूं तो अन्ता नगर पालिका के कार्यकाल की समाप्ति में करीब डेढ़ वर्ष से कुछ अधिक ही समय शेष बचा है। लेकिन नगर पालिका के चेयरमैन मुस्तफा खान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद बदलते घटनाक्रम ने अन्ता क्षेत्र के लोग असमंजस में हैं। मुखिया नहीं होने से कई काम भी अटक गए हैं।

यह है मामलाअंता नगर पालिका में 29 जनवरी को अध्यक्ष मुस्तफा खान को निलम्बित किए जाने के बाद स्वायत्त शासन विभाग के आदेश से 5 फरवरी को पालिका उपाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश मीना को अध्यक्ष का कार्यभार सौंप दिया गया था। इस बीच मुस्तफा खान को एक मार्च को पुन: बहाल कर दिया गया। 6 मार्च को पुन: बर्खास्त कर दिया गया था।

मीना को निलंबित करने का आदेश मिलाउपाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश मीना को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 15 मार्च 2024 का जारी आदेश मिला, इसमें उसे जमीन के प्रकरण में नगर पालिका सदस्य के पद व हैसियत का दुरुपयोग करने का दोषी बताते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष तथा पालिका सदस्य से निलंबित कर दिया गया था।

खण्डेलवाल को बनाया था कार्यवाहक अध्यक्षस्वायत शासन विभाग जयपुर की ओर से 15 मार्च 2024 को ही जारी एक आदेश में नगरपालिका अन्ता सदस्य वार्ड 34 एवं कार्यवाहक अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश मीणा को निलम्बित करने का हवाला देते हुए बताया गया कि अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग के लिए हैं। अत: राजस्थान नगरपालिका अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रामेश्वर खण्डेलवाल पार्षद वार्ड 18 को नगरपालिका का अध्यक्ष पद का कार्यभार 60 दिवस से अनाधिक कालावधि अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अन्य आदेश जो भी पूर्व हो, तक के लिए दिया जाता हैं।

हाईकोर्ट से मिला यथास्थिति का आदेशमामले को लेकर हाईकोर्ट में 17 मार्च को याचिका दायर की गई थी। इसमें बताया गया था कि याचिकाकर्ता को 12 मार्च 2024 को एक नोटिस भेजा गया था। इसमें 5 मार्च 2024 की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। 14 मार्च को सायं 8 बजे प्राप्त नोटिस के साथ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई। प्रतिवादी के कार्यालय में विधिवत प्राप्त 15 मार्च 2024 के उनके अभ्यावेदन पर कोई विचार किए बिना आक्षेपित आदेश में यह गलत टिप्पणी की गई कि प्रारंभिक रिपोर्ट पर याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात मामले को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत न्यायिक जांच के लिए भेज दिया गया है। तथा उन्हें निलम्बित कर दिया गया है। याचिका में बताया कि उन्हें कभी भी सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। इस पर न्यायालय ने 15 मार्च 2024 के आदेश के संचालन और प्रभाव को अगले आदेश तक रोक लगा दी हैं। उक्त आदेश 22 मार्च को किए गए।

– न्यायालय के आदेशों की पालना के संबन्ध में स्वायत शासन निदेशालय के आदेशों की पालना की जाएगी। अभी तक कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं।

– नरेश राठौर, अधिशासी अधिकारी, अन्ता

– अभी नगरपालिका के कार्यवाहक अध्यक्ष पद पर हूं, डीएलबी से मिले 60 के आदेश के बाद किसी तरह का कोई आदेश नही मिला हैं। राज्य सरकार ने नोमिनेट किया हैं।
– रामेश्वर खण्डेलवाल, पार्षद वार्ड 18

– न्यायपालिका के आदेशो की अवहेलना की जा रही है। न्यायपालिका सर्वोपरि हैं, इसके आदेशों की पालना त्वरित रूप से की जानी चाहिए। सत्ता का दुरुपयोग करके दबाव की राजनीति की जा रही है।- चन्द्रप्रकाश मीणा, पार्षद वार्ड 34

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