सम्मान के लिए सालों से चली आ रही व्यवस्था को इस बार बदलने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, समय से काम न होने पाने के कारण इस बार भी शिक्षकों को अपना सम्मान कराने के लिए शिक्षा विभाग को आवेदन करना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग में प्रदेश के शिक्षकों को आवेदन करने पर जिला, संभागीय व राज्य स्तरीय कमेटी नामों पर अंतिम निर्णय लेती है। इस संबंध में विभाग ने नियम बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। नवीन शैक्षणिक सत्र से इसे लागू किया जाएगा।
मंत्री के निर्देश बेअसर
नए सत्र से सम्मान के लिए नया तरीका अपनाने के संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए थे। जिसके तहत स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों को आवेदन करने से पुरस्कार नहीं देगा। विभाग खुद आंकलन कर अवार्ड देगा। लोक शिक्षण से जारी निर्देश के तहत अभी पुरानी व्यवस्था के आधार पर ही पुरस्कारों का निर्धारण होना है। 30 अप्रेल तक शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 1 से 15 मई तक चार सदस्यीय समिति आवेदन करने वाले शिक्षकों की जांच करेगी। 16से 30 मई तक जिला चयन समिति द्वारा जमीनी मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट पर शिक्षकों का चयन करेगी।
राज्य पुरस्कार पाने के बाद मिलता है राष्ट्रपति पुरस्कार
प्रदेश स्तर पर पुरस्कार पाने के बाद शिक्षकों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होता है। इसमें पूरे देश के शिक्षक होते हैं। राष्ट्रपति के हाथों सम्मान के लिए इनमें से चयन किया जाता है। प्रदेश में कई शिक्षक हैं जो राष्ट्रीय पुरस्कार पा चुके हैं। इनोवेशन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवार्ड मिले हैं।