इसके करीब एक किलोमीटर लम्बे जंगल क्षेत्र में ट्रेम्प्रेचर 3 से 5 डिग्री तक कम हो जाता है। मनुआभान टेकरी की पहाड़ी यहां लगी होने के चलते जंगली जानवरों से भी रात में लोगों का सामना हो सकता है। बीच के जंगली क्षेत्र में सडक़ पूरी तरह आसपास के आवासों से अलग है। जिसमें हादसे हो सकते हैं।
इस मार्ग के निर्माण से अयोध्या बायपास, भानपुर, लांबाखेड़ा, करोंद क्षेत्र की द्वारका धाम,गोकुलधाम, नयापुरा गांव, मैपल ट्री, बडवई, पलासी आदि 100 से अधिक कॉलोनी में निवासरत लगभग 10 लाख से अधिक आबादी को लालाघाटी एवं पुराने शहर से जुडऩे का सीधा फायदा मिला है। पुराने शहर की जनता को एयरपोर्ट जाने में 7 किमी का फेरा नहीं लगाते हुए इस मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि यह मार्ग मिलिट्री एरिया से होते हुए निकलता है। इसमें निर्माण कार्य की अनुमति के लिए रक्षा मंत्रालय से राज्य सरकार को भू-अर्जन करना पड़ा। इसके लिए वर्ष 2010 से प्रयास किए जा रहे थे। वर्ष 2014 में तत्कालीन रक्षा मंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर वर्ष 2017 में तत्कालीन रक्षा मंत्री स्व. अरुण जेटली एवं 2019 में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नई दिल्ली में विधायक व मंत्री ने भेंटकर रहवासियों की समस्या से अवगत कराया और सडक़ निर्माण के लिए विशेष स्वीकृति ली। रक्षा मंत्रालय भारत सरकार से विभिन्न स्वीकृतियां प्राप्त करने के पश्चात राज्य शासन द्वारा उक्त भूमि का भू-अर्जन किया गया। इससे 3.8 किलोमीटर लंबी सडक़ अब आवागमन के लिए पूरी तरह से तैयार की गई।
इनका कहना
रास्ता तो पहले भी दूसरी ओर जाने के लिए था,लेकिन साल के छह माह कच्ची सडक़ पर पानी भरने वह कीचड़ से निकलना मुश्किल हो जाता था। सडक़ के बनने से आवाजाही बढ़ गई है,लेकिन रात में अंधेरे के कारण कम हो निकल रहे हैं।
-सुभाष सराठे, बिठ्ठल नगर, लालघाटी
सडक़ बनने से आवाजाही बढ़ गई है। सडक़ की सुविधा से लोग खुश है,लेकिन पूरी सडक़ पर कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं है। इस मार्ग से देर रात में निकलते समय भय तो लगता है। इसके मोड़ पर भी लाइट नहीं होने से दिक्क त है।
-रमेश साखरे, संजीव नगर
जिस हिसाब से सडक़़ बनी हैं। जिससे आवाजाही अपेक्षानुसार तब बढ़ेगी जब स्ट्रीट लाइट भी इसमें लग जाएं। रोशनी होने से लोग इस मार्ग पर रात में अधिक संख्या में दिखाई देने लगेंगे।
-कामेंद्र पंकज, गोकुलधाम
इस पूरे क्षेत्र के लिए आवाजाही के अलावा वॉक करने के लिए सडक़ बहुत बड़ी सौगात है। इसमें सुरक्षा के इंतजाम भी होना चाहिए। अन्यथा हादसे होने लगेंगे।
-सुनील चंद्रवंशी, जैन नगर