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बीकानेर

टूट रही है कड़ी, कमजोर हो रहा तंत्र, अपराधा काबू में आए तो कैसे

अधिकारी बदले, लेकिन गली-मोहल्लों में चल रहे पुराने नाम-नंबर

बीकानेरMay 07, 2024 / 07:14 am

Jai Prakash Gahlot

जयप्रकाश गहलोत/ बीकानेर. पुलिस और अपराधियों के बीच लुका-छिपी के खेल में आमजन हमेशा से महत्वपूर्ण कड़ी साबित होता रहा है। खासतौर से मुखबिर तंत्र की मजबूती के मामले में। इस प्रक्रिया में बीट कांस्टेबल से लेकर बड़े अधिकारियों तक फोन नंबरों के माध्यम से लोगों की पहुंच अहम साबित हो रही है। यह फोन नंबर चौकी-थानों के अलावा महत्वपूर्ण चौक-चौराहों तक पर प्रमुखता से प्रदर्शित होते रहे हैं। लेकिन फिलहाल सारी व्यवस्था तहस-नहस है। दरअसल, इस समय हालात यह हैं कि आमजन को पता ही नहीं है कि उनके क्षेत्र का बीट कांस्टेबल कौन है। वारदात होने पर सूचना किसे दें। इसका कारण जिले में पुलिस महकमे में हुआ बदलाव है। बदलाव हुआ, तो थाना अधिकारी से लेकर बीट कांस्टेबल तक बदले। लेकिन परिवर्तित नंबर अधिकांश स्थानों पर बदले नहीं जा सके हैं। नतीजे में जनता और पुलिस के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए पुलिस की ओर से की गई यह कोशिश फिलहाल बेमानी साबित हो रही।

पुलिस नेटवर्क का उड़ा मखौल


वर्तमान हालात यह हैं कि अधिकांश जगह पर बीट कांस्टेबल, थानाप्रभारी के नाम नंबर या तो अंकित ही नहीं हैं। जहां थे, वहां भी मिट चुके हैं। पुलिस प्रशासन ने दोबारा लिखवाने की जहमत तक नहीं उठाई। जहां लिखे मिल रहे हैं, वहां थाना प्रभारी, अधिकारी, बीट कांस्टेबल के तबादले हो चुके हैं। इनमें कई तो निजी नम्बर अंकित किए हुए हैं, जिन पर फोन करने पर जनता को ऊंट-पटांग जवाब ही मिलता है। ऐसे हालात में किसी तरह की वारदात होने पर पुलिस को सूचना समय पर नहीं मिल पाती। पुलिस के नेटवर्क का मौखल उड़ाता है, सो अलग।


इधर…अपराध व तस्करी जोरों पर

आमजन के पुलिस से सीधे जुड़ाव का यह ढर्रा टूटते ही पुलिस की बीट कांस्टेबल व्यवस्था चरमरा सी गई है। दूसरी ओर, जिले में अपराध व तस्करी जोरों पर है। चोरी, लूट, नकबजनी व राहगीरों से छीना-झपटी की वारदातें लगातार हो रही हैं। आमजन निशाने पर है। डोडा पोस्त , शराब, हथियार तस्करी लगातार हो रही है। हर दिन दुपहिया वाहन चोरी हो रहे हैं।


इनका कहना है…

थाना क्षेत्र में आमजन की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की गई थी। अब अधिकारी व कांस्टेबलों के तबादले हो चुके हैं। इससे पुराने ही नंबर अंकित हैं। आपने इस ओर ध्यान दिलाया है। अब नए सिरे से नंबर अंकित करवाए जाएंगे। इस संदर्भ में संबंधित थानाधिकारियों को निर्देशित करेंगे।
तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक

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