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पीजी छात्रावास स्वीकृत, शासन व यूजीसी के बीच उलझा मामला

अधूरा पड़ा पीजी कॉलेज का छात्रावास

टीकमगढ़Apr 29, 2024 / 07:09 pm

हामिद खान

अधूरा पड़ा पीजी कॉलेज का छात्रावास

अधूरा पड़ा पीजी कॉलेज का छात्रावास

तय राशि से अधिक मिला बजट, फिर निर्माण अधूरा, निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अब वह निर्माणाधीन भवन खंडहर हो रहे है।

टीकमगढ़. पीजी और कन्या कॉलेज के छात्रों के लिए वर्ष २००८ में छात्रावास स्वीकृत हुआ था। कन्या कॉलेज का छात्रावास छोड़ पीजी का छात्रावास अभी भी अधूरा पड़ा है। राशि को लेकर यूजीसी और शासन के मामला उलझा है। इससे निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अब वह निर्माणाधीन भवन खंडहर हो रहे है। जबकि इस निर्माण कार्य को पूर्ण करने में तत्कालीन कलेक्टर भी पहल कर चुके है। उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी है।
नगर के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय और शासकीय रानी अवंतीबाई लोधी कन्या महाविद्यालय के लिए वर्ष २००८ में ४ करोड ३१ लाख की राशि से छात्रावास स्वीकृत हुए थे। छात्रावास का निर्माण कार्य शासन और यूजीसी के बीच किसी कारण से उलझा है। वह छात्रावास १६ वर्षों में पूर्ण नहीं हो पाया है। जिसके कारण यह निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। अब यह निर्माण कार्य पूर्ण निर्माण के पहले खंडहर होने लगा है। इसके निर्माण के लिए दो योजनाओं से राशि आई थी। लेकिन योजनाओं की राशि से निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है।
आठ साल से रुका पीजी छात्रावास का निर्माण कार्य

पीजी कॉलेज छात्रावास की स्वीकृति वर्ष 2008 में हुई थी। वर्ष 2010 में पीजी कॉलेज के लिए छात्रावास विधि महाविद्यालय मैदान में 80 लाख रुपए जारी किए गए थे। उसमें से 72 लाख रुपए खर्च किए गए, फिर काम को रोक दिया। यह निर्माण कार्य आठ वर्ष से रुका है। वह अधूरा छात्रावास भवन खंडहर दिखाई देने लगा है। उसमें कर्मचारियों का निवास बना है। बताया गया कि बजट के अभाव में ठेकेदार ने निर्माण कार्य को बंद कर दिया है। उसका पूर्ण निर्माण कराने के लिए कई बार पत्र भेजे गए है। उसके बाद भी इस ओर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।
तैयार हो गया कन्या कॉलेज का छात्रावास

शासकीय वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी कन्या महाविद्यालय के छात्रों के लिए वर्ष 2008 में छात्रावास स्वीकृत हुआ था। उसका निर्माण करने के लिए दो योजनाओं में राशि आई थी। पहली यूजीसी योजना से 80 लाख रुपए आए थे। उसके बाद 30 लाख प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए थे। दोनों का स्टीमेट 1 करोड 10 लाख रुपए है। 23 लाख रुपए का बजट फिर आ गया था। वह खर्च भी हो गया है।
यह आई थी पीजी कॉलेज के लिए राशि

पीजी कॉलेज छात्रावास निर्माण के लिए 1 करोड 39 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। जिसमें 72 लाख रुपए खर्च किए गए थे। दोवारा 59 लाख का स्टीमेट बनाकर भेजा गया था। 8 लाख रुपए का स्टीमेट यूजीसी को भेजा था। दो योजनाओं से निर्माण के लिए आई राशि से जिम्मेदार उलझे रहे, लेकिन निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है। वर्षों से करते आ रहे पत्राचार
बताया कि छात्रावास का निर्माण वर्षों से रुका है। उसका निर्माण पूर्ण कराने ने पीजी कॉलेज द्वारा कलेक्टर के नाम पत्राचार किए गए। कलेक्टर द्वारा शासन के नाम पत्राचार किया गया, लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण छात्रों को इस बार भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
बजट को लेकर यूजीसी और शासन के बीच मामला उलझा है। इसके निर्माण के लिए दर्जनों पत्राचार कर चुके है। इसकी पूर्ण प्रक्रिया के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने भी मद्द की है। इसके साथ ही हाउसिंग बोर्ड ने भी पत्र लिखे है, लेकिन मामला स्थिर बना हुआ है। उसके निर्माण के लिए जल्द ही वरिष्ठ कार्यालय जानकारी दी जाएगी। जिससे छात्रों को आगे से लाभ मिल सके।
डॉ. इंद्रकुमार जैन, प्राचार्य पीजी कॉलेज टीकमगढ़।

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