अगेती फसल पक चुकी है, लेकिन पछेती फसल में देरी है। गुरुवार को किसान दिनभर अपनी पकी फसलों को समटेते नजर। किसानों का कहना है कि पिछले साल कटाई से पहले मौसम बदलाव से बारिश और ओलावृष्टि से कई जगह पर फसल खराब हो गई थी।
जानकारी के अनुसार चौमूं उपखंड में 15 हजार हैक्टेयर में गेहूं और 16 हजार हैक्टेयर में जौ की फसल की बुवाई की गई थी। इसमें गेहूं की फसल अभी पकाव पर चल रही है। हालांकि अगेती फसल की कटाई शुरू हो गई है। जौ फसल की कटाई जरूर 90 फसीदी हो गई है। 10 फीसदी पछेती फसल की कटाई चल रही है। ऐसी स्थिति में बदल रहे मौसम से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। मौसम से खराबे की चिंता से दिनभर किसान खेतों में जुटे हुए दिख रहे है।
तहसील गेहूं जौ
चौमूं —–15154—– 16095
आमेर—– 15058—– 13905
जयपुर—– 2050—– 1170
कालवाड़—– 3230—– 2050
बुवाई से पकाई तक मौसम रहा अनुकूल
इस बार रबी फसल की बुवाई से लेकर पकाई तक मौसम ने किसानों का साथ दिया है। हालांकि मावठ कम हो पाई, लेकिन लंबी सर्दी के चलते फसलों में जान बनी रही है। अब तक हो चुकी जौ की कटाई में उत्पादन पिछले सालों की तुलना में अच्छा है। किसानों की माने तो गेहूं की भी इस बार अच्छी पैदावार है। मौसम ने साथ दिया तो अच्छा उत्पादन होगा।
इनका कहना है
मौसम बदलाव से किसान चिंतित हैं। तकरीबन जौ की कटाई हो चुकी है। हालांकि कई जगह अगेती गेहूं फसल की भी कटाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में यदि बारिश या ओलावृष्टि होती है तो फसलों को नुकसान होना तय है।
सुमन यादव, सहायक कृषि अधिकारी, चौमूं।