राज्य सरकार ने अप्रेल 2022 में इस योजना की घोषणा के साथ ही महंगी जांच सीटी स्केन, एमआरई और डायलिसिस को भी नि:शुल्क के दायरे में लिया था। इसका भुगतान मरीज से लेने के बजाय संबंधित अस्पताल की ओर से सेवा प्रदाता को किया जाना था। सरकार की गाइडलाइन में यह भी कहा गया था कि इसके लिए अस्पतालों को बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। लेकिन इसके बाद से ही भुगतान को लेकर सेवा प्रदाता और अस्पताल प्रभारियों में विवाद चलता रहा।
विभागीय लापरवाही..मरीजों पर पड़ रही भारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पिछले दिनों लगातार सरकारी अस्पतालों के निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधारने का दावा किया था। हैरत की बात यह है कि इसके बाद भी अधिकारियों ने मरीजों से जुड़े इस विवाद के समाधान पर ध्यान नहीं दिया। अब तीन जिलों में यह सुविधा बंद होने के बाद भी विभाग की ओर से एक्शन नहीं लिया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले एक महीने से सेवा प्रदाता और सरकार के बीच यह विवाद चल रहा है।
सवा साल तक बजट का प्रावधान ही नहीं जानकारी के मुताबिक सीटी स्केन जैसी महंगी जांचें नि:शुल्क शुरू करने के बाद करीब सवा सवाल तक तो राज्य सरकार ने इसके लिए बजट का प्रावधान ही नहीं किया।
कहां कितना बकाया बारां :5186346 बूंदी : 4494254 सवाईमाधोपुर : 3855965 सिरोही : 1727626 दौसा : 8121685 टोंक : 6331738 भीलवाड़ा 3625137 चित्तौड़गढ़ : 564784 डूंगरपुर 401704
जालोर : 1298256 करौली : 161403 प्रतापगढ़ : 215466 राजसमंद : 3702820 सोजत : 659648 उदयपुर : 415105 कुल : 40826321 बाधित होने लगी सेवाएं दौसा जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ.सुभाष बिलोनिया ने कहा कि भुगतान नहीं होने के कारण कंपनी के जरिये पीपीपी मोड पर चल रही सीटी स्कैन सेवा बाधित है। भुगतान के संबंध राज्य स्तर के अधिकारियों को अवगत कराया है। सेवा प्रदाता के अनुसार सवाईमाधोपुर और बारां में भी भुगतान नहीं मिलने के कारण सेवा बाधित की जा रही है।
वर्जन चुनाव ड्यूटियों के कारण भुगतान में समस्या आ रही थी। भुगतान विवाद के समाधान के लिए निजी सेवा प्रदाता से बात हुई है। सेवा प्रदाता ने सीटी स्केन सेवा बंद नहीं करने के लिए कहा है। जल्द ही पूरा भुगतान हो जाएगा।
डॉ.रविप्रकाश माथुर, निदेशक जनस्वास्थ्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग