व्यापारियों की जुबानी
सब्जी विक्रेता नंदकिशोर माली ने बताया कि इस बार बारिश नहीं होने से नींबू की फसल की ज्यादा आवक नहीं हुई है। इसके चलते भावों में तेजी है। पहले लग रहा था कि रमजान के बाद भावों में काफी कमी आएगी ,लेकिन लंबे समय से यही भाव स्थिर है। सागर माली ने बताया कि तीन-चार किलो नींबू ही खरीदकर लाते हैं। इनमें से भी पूरे नहीं बिकते। दो तीन निकल जाने के बाद सूखने लगते हैं। हैदर ने बताया कि लगातार गर्मी का मौसम रहने से फसल नहीं पक रही। इसके कारण बंपर आवक नहीं है। आवक बढ़ने पर ही भावों में गिरावट होगी। सुनील सांखला ने बताया कि इस गर्मी में सौ-दो सौ ग्राम नींबू ले जाने वाले ही ग्राहक आ रहे हैं। बिगाड़ रहा बजट
गर्मियों में नींबू की मांग सबसे अधिक रहती है। लू व ताप घात से बचने के लिए लोग नींबू की शिकंजी पीते हैं। लेकिन इस बार नींबू आम ग्राहक का बजट बिगाड़ रहे हैं। सब्जियों में खटाई या सलाद के साथ आम आदमी की थाली से नींबू दूर है।