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जयपुर

Rajasthan Politics : सचिन पायलट ने बताया-क्यों इस्तीफा देना चाहते है मंत्री किरोड़ी लाल मीणा?

Rajasthan Politics : स​चिन पायलट ने कहा कि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के बयान दर्शाते है कि वो संतुष्ठ नहीं है। वो मर्यादा की बात कर रहे हैं, लेकिन न्याय-न्याय होता है। पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं होता।

जयपुरMay 09, 2024 / 01:58 pm

Anil Prajapat

Sachin Pilot Kirodi Lal Meena
Sachin Pilot Exclusive Interview : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने एक बार फिर राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर बड़ा बयान दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा क्यों बार-बार मंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे है। सचिन पायलट ने कहा कि मंत्री किरोड़ी मीणा का बयान दर्शाता है कि वो संतुष्ठ नहीं है। पायलट ने यह बात पत्रिका के शादाब अहमद से विशेष बातचीत में कहीं।
दरअसल, किरोड़ी मीणा दो बार ऐसा बयान दे चुके है कि दौसा में अगर बीजेपी प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा लोकसभा चुनाव नहीं जीते तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे। इस पर स​चिन पायलट ने कहा कि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के बयान दर्शाते है कि वो संतुष्ठ नहीं है। वो मर्यादा की बात कर रहे हैं, लेकिन न्याय-न्याय होता है। पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं होता। पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए। किरोड़ी मीणा में इतनी नैतिकता तो है कि परिणाम अनुरूप नहीं आने पर इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं। बाकी मंत्रियों को देखते हैं, उनका क्या रूख रहता है।

पायलट से राजस्थान को लेकर पूछे गए सवाल और जवाब

सवाल: राजस्थान की भाजपा सरकार कैसी चल रही हैं?
जवाब:
भाजपा की सरकार चल कहां रही है? वहां सभी काम ठप पड़े हैं। कभी कोई मंत्री बयान दे रहा है, कभी कंफ्यूजन फैल रहा है। सरकार में खिंचाव और तनाव है। कई सारे पावर सेंटर बन गए हैं, जिससे लोगों में विश्वास उठ रहा है। शुुरुआती दिनों में छाप नहीं छोड़ी।
सवाल: नीट की परीक्षा में राजस्थान समेत देशभर में हंगामा हुआ। कैसी व्यवस्था बने, जिससे प्रतियोगी परीक्षा ठीक से हो सके पेपर लीक
जवाब:
परीक्षाओं की अव्यवस्था और पेपर लीक का मुद्दा चुनाव में बिल्कुल उठना चाहिए। जो सरकार, संस्था, नेता, शिक्षक बच्चों, शिक्षित नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं या फिर खिलवाड़ होता देख रहे हैं, उनकी जवाबदेही तय करनी होगी। मैं पहले से कई बार कहता रहा हूं कि पेपर लीक हो रहा है, परीक्षाएं रद्द हो रही है। यदि उनमें कोई माफिïया, ताकतवर अफसर या किसी भी दल का नेता शामिल हो तो उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। नीट की परीक्षा में गड़बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ बड़ा मुद्दा है।
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सवाल: राजस्थान से आप खुद आते हैं और छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव है। इन दोनों राज्यों में आप कितनी सीटें जीत सकते हैं?
जवाब:
पिछले दो चुनावों में राजस्थान में हम एक भी सीट नहीं जीत सकें, वहीं छत्तीसगढ़ में 2019 में हमारी सरकार के बावजूद महज दो सीट जीतें थे। इस बार दोनों राज्यों में कांग्रेस ज्यादा सीटें जीतेगी। साथ ही राजस्थान में गठबंधन वाली नागौर, सीकर व बांसवाड़ा सीट भी जीत रहे हैं। जहां-जहां कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला है, वहां कांग्रेस का पलड़ाा भारी रहेगा। भाजपा ने पिछले दस सालों में ऐसी कोई छाप नहीं छोड़ी है, जिसकी वजह से लगातार तीसरी बार लोग उन्हें वोट दें। भाजपा के पास वहीं पुरानी बाते हैं और लोग महंगाई, बेरोजगारी, किसानी की समस्या से जूझ रहे हैं। 2014 में भाजपा ने महंगाई, काला धन, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दें पर चुनाव लड़ा, लेकिन इन चारों ही मुद्दों पर वो विफल साबित हुई। अब मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुसलमान, मकान, मंगलसूत्र, भैस छीनने जैसी बातें कर मुद्दों से लोगों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे है, लेकिन इसमें दम नहीं है।
सवाल: छत्तीसगढ़ के बाद दिल्ली भेज दिया, राजस्थान में वापसी कब होगी?
जवाब:
राजस्थान के लोगों से मेरा संबंध अटूट है। चाह कर भी कोई इसे तोड़ नहीं सकता। जीवन के अंतिम सांस तक राजस्थान में कांग्रेस को सबसे ज्यादा ताकत दूंगा। राजस्थान का प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए भी विभिन्न राज्यों में प्रचार करने जाता रहा हूं। पार्टी जिस राज्य और सीटों की जिम्मेदारी दे रही है, उसका भी ध्यान रखना है। अभी भी मैंने राजस्थान, छत्तीसगढ़, केरला, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश व दिल्ली में करीब 41 लोकसभा सीटों पर 81 सभाएं की हैं। फिलहाल दिल्ली में हमारा आम आदमी पार्टी से गठबंधन है। भाजपा के प्रति वहां नाराजगी है। उसे अपने सांसदों के टिकट भी काटने पड़े। भाजपा दिल्ली में बैकफुट पर है।
सवाल: आप यह बात तो कह रहे हैं, लेकिन अरविंद सिंह लवली के इस्तीफे का घटनाक्रम सबको पता है। फिर कैसे जीतेंगे?
जवाब
: कांग्रेस से कई नेता पार्टी छोड़ गए हैं। राजस्थान में भी कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी है। जहां तक लवली जी की बात है, वो पहले भाजपा में चले गए, फिर कांग्रेस में आ गए। यदि आपको जाना भी है तो आप अपनी मर्जी से जाओ, किसी को भला बुरा कहने की कहां जरूरत है। खुद में इतनी हिम्मत और कलेजा होनी चाहिए कि मैं पार्टी छोडक़र दूसरी पार्टी में जा रहा हूं। चुनाव से पहले नेताओं का आना-जाना लगा रहता है। राजस्थान, हरियाणा में भाजपा के सांसद कांग्रेस में आ गए।

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