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झालावाड़

राजस्थान में शिक्षा विभाग में लाखों पद खाली, आए दिन झगड़ रहे प्रिंसिपल- व्याख्याता

प्रदेशभर में माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान में विभिन्न संवर्गों के लाखों पद रिक्त पड़े हैं। इसको लेकर प्रदेश के बेरोजगार बाट जोह रहे हैं। स्कूलों में प्रधानाचार्य से लेकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों तक के पद सबसे ज्यादा रिक्त हैं।

झालावाड़Apr 30, 2024 / 02:37 pm

Kirti Verma

हरिसिंह गुर्जर
प्रदेशभर में माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान में विभिन्न संवर्गों के लाखों पद रिक्त पड़े हैं। इसको लेकर प्रदेश के बेरोजगार बाट जोह रहे हैं। स्कूलों में प्रधानाचार्य से लेकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों तक के पद सबसे ज्यादा रिक्त हैं। प्रदेश में सबसे बदतर स्थिति झालावाड़ जिले की है। यहां आठ ब्लॉक में सीबीईओ तक नहीं है। इसके चलते प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। इसी का नतीजा है कि जिले में आए दिन प्रिन्सीपल व शिक्षकों में हाथापाई, अभ्रद भाषा का प्रयोग करने जैसे मामले सामने आ रहे हैं।
हाल ही में झालावाड़ जिले के तीतरवासा, कांकडदा, भवानीमंडी में इस तरह के मामले सामने आए हैं। ऐसे में प्रदेशभर में रिक्त पड़े शिक्षा अधिकारियों व अन्य पदों को समय से भरा जाए ताकि शिक्षा में उन्नयन के साथ गुणवत्तापूर्ण सुधार हो और इस तरह के मामलों में कमी आएं। माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान ने हाल ही में वर्ष 2023-2024 के लिए प्रशासनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। इसमें भी ये बात सामने आई कि प्रदेश के हालात सही नहीं है। जिसमें प्रशासनिक व्यवस्था, संगठनात्मक ढांचा, माध्यमिक शिक्षा संबंधी परियोजनाओं, बालिका शिक्षा के कार्यो, योजनाओं, छात्रवृतियों, छात्र-छात्राओं के नामांकन की स्थिति, शिक्षक प्रशिक्षण, पदोन्नति सहित विभिन्न संवर्गों के स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त पदों की जानकारी दी गई हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्तर के 76 तरह के संवर्ग पदों में कुल 3 लाख 58 हजार 509 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 1 लाख 43 हजार 166 पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में प्रदेश विद्यार्थियों को शिक्षा भी मिल रही है, परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है।
चयन होना प्रक्रियाधीन
विभाग ने अधिकांश पदों पर चयन के लिए कार्रवाई प्रक्रियाधीन होना बताया है। वहीं प्रधानाचार्य से शिक्षकों तक के पदों को भरने को लेकर डीपीसी से चयन प्रक्रियाधीन होना बताया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के शिक्षा विभाग जैसे बड़े महकमे में एक लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। जिन पर समय पर भर्ती प्रक्रिया की जाए तो बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलने के साथ ही विद्यालयों में विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा मिल सकेगी।
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जिले में स्थिति खराब
झालावाड़ जिले में प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त हैं। एक एडीपीसी व डाइट प्रिन्सीपल का पद रिक्त है। वहीं मनोहरथाना में 32 पीईईओ में से 30 पद खाली है, दो जगह ही पीईईओ उनमें से एक को सीबीईओ का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है। कुछ ऐसे ही हालात डग व बकानी के है। वहीं अकलेरा, सुनेल, भवानीमंडी, डग, बकानी में एक-एक एसीबीईओ के पद रिक्त हैं। जिले में कई जगह तो तृतीय व द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को प्रिन्सीपल का चार्ज दे रखा है। ऐसे में कई जगह डीडीओ पावर नहीं होने से वेतन आदि बनाने में भी परेशानी आ रही है।
पद भरने का काम सरकार का है। समय से डीपीसी हो जाएं तो सारे पद भर जाएंगे। तीतरवासा व अन्य स्कूलों में हुए घटनाक्रम के लिए निदेशालय को पत्र भेजकर कठोर से कठोर कार्रवाई के लिए लिखा गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हो। रिक्त पदों से समस्या तो काफी आ रही है।
सत्येन्द्रपाल शर्मा, कार्यवाहक सीडीईओ, झालावाड़
ये प्रदेश की स्थिति : फैक्ट फाइल

पदनाम -स्वीकृत -कार्यरत – रिक्त

प्रधानाचार्य -17153 -11112 -6041

उप्रप्रधानाचार्य -12414 1187 -11227

व्यायाता- 55081- 33960 -21121

वरिष्ठ अध्यापक – 85468 -52364 -33104
अध्यापक -98446 – 69174 -29272

शा.शिक्षक 2 ग्रेड- 4029 -1919 -2110

शा शिक्षक 3ग्रेड -10893 -8998 -1895

वरिष्ठ सहायक -5667 -3768 -1899

कनिष्ठ सहायक -12544 -9241-3303

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी -27294 6477- 20817
कप्यूटर अनुदेशक- 9862- 5276 -4586

लाइब्रेरियन 3ग्रेड -2991 -1965 -1026

लेब सहायक – 4225 -3255 -970

लेब परिचारक- 1470 -267 -1203

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