झालरापाटन. नगर में अतिकृमियों ने ऐतिहासिक परकोटे को भी नहीं बख्शा है। रोक-टोक नहीं होने से अब तो इस पर इतने निर्माण हो गए हैं कि कई स्थानों पर यह दिखाई ही नहीं दे रहा है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन और नगरपालिका के ध्यान नहीं देने से अतिक्रमण का सिलसिला धड़ल्ले से जारी है। इससे अतिकृमियों के हौंसले बुलंद हैं।
रियासत काल में नगर की सुरक्षा की दृष्टि से द्वारिकाधीश मंदिर से गिंदौर दरवाजा, महुआ बारी गेट, सूरजपोल दरवाजा, नीमबारी दरवाजा, लंका दरवाजा से लेकर इमली दरवाजा तक मजबूत पत्थरों से परकोटा बनाया गया। इस पर आज कच्चे-पक्के सैकड़ों अतिक्रमण हो गए हैं। लोगों ने इस पर शानदार पक्के मकान बना लिए हैं। लोग दबी जुबान में कह रहे हैं की जब हर किसी को ये अतिक्रमण दिख रहे हैं तो प्रशासन इन्हें हटाने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहा।
नगर पालिका भी पीछे नहीं, शौचालय बनवा दिया निर्माण सूरजपोल दरवाजा के पास नई सब्जीमंडी के यहां परकोटे पर नगर पालिका ने शौचालय तक का निर्माण करवा दिया है। इसमें से कई शौचालय अनुपयोगी हैं।
नीमबारी और इमली दरवाजा के यहां मोहल्ले बस गए नगर में परकोटे पर तथा इसके आसपास नीमबारी दरवाजा व इमली दरवाजा के यहां पूरे मोहल्ले बस गए हैं। अतिकृमियों ने परकोटे की मजबूत दीवारों के पत्थर तोड़कर मकान के निर्माण में ले लिए हैं। कई जगह परकोटे को तोड़कर कमरे खड़े कर लिए हैं।
न वैध को स्वीकृति न अवैध पर रोक परकोटे को लेकर जिला प्रशासन और नगर पालिका की स्पष्ट पॉलिसी नहीं है। वहीं नियम की बात की जाए तो परकोटे पर व इसके आसपास भवन निर्माण की अनुमति नहीं है, जबकि नियमानुसार मकान का निर्माण करवाने वाले लोगों को नगर पालिका में आवेदन करने के बावजूद कई दिनों तक स्वीकृति नहीं मिलती है और आवेदक कार्यालय के चक्कर लगाते हैं।
कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो रहा ऐतिहासिक और मजबूत बना नगर परकोटा अब जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने लगा है। लंका दरवाजा के पास तो इसमें से पत्थर भी निकलने लगे हैं। इससे इसकी मजबूती कमजोर होती जा रही है।
वैभव के दौर में नगर की शान था कई बुजुर्ग बताते हैं कि पुराने समय में परकोटे और बारियों में गेट लगे होने से रात में इन्हें बंद कर दिया जाता था और चौकीदार रहता था जो बाहर से आने वाले व्यक्ति से पूरी पूछताछ कर संतुष्ट होने के बाद ही अंदर आने देते थे। इससे चोरी नहीं होती थी।
विभागों ने दे दिए बिजली-पानी के कनेक्शन नगर के चारों ओर बने परकोटे के अतिक्रमण की चपेट में आने से कई जगह तो ज्ञात ही नहीं हो पाता है कि यहां कभी परकोटा था। इन सभी मकानों में बिजली-पानी के कनेक्शन हैं।
नगर परकोटे पर लंबे समय से लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं, वर्तमान में इस पर नए अतिक्रमण नहीं होने दिए जा रहे हैं। इसे लेकर नगर पालिका पूरी तरह से सजग है।
- वर्षा मनीष चादवाड़, अध्यक्ष, नगर पालिका, झालरापाटन