जल जीवन मिशन की यह है हकीकत
जिले में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन योजना चलाई जा रही है। 662 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिनका काम ठेकेदारों द्वारा कटनी, बड़वारा, विजयराघवगढ़, रीठी, बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा ब्लॉक में किया जा रहा है। अभी तक 207 योजनाएं ही पूर्ण हो पाई हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 2024 के अंत तक पूरी योजनाओं पर काम हो जाएगा।
खास-खास
– 10 हजार 650 हैंडपंपों के माध्यम से गर्मी में बुझेगी कई गांवों की प्यास।
– 80 सिंगल फेस की मशीनें लगाकर गांवों में की जाएगी पेयजल की सप्लाई।
– जहां पर होगी अधिक समस्या, वहां पर होगी टैंकरों से सप्लाई।
– कई गांवों में टंकी भरकर पहुंचाया जाएगा लोगों तक पानी।
– नर्मदा नहर, केन नदी का पानी न पहुंचने के कारण हो रही है समस्या।
बहोरीबंद क्षेत्र में होती है सर्वाधिक समस्या
बहोरीबंद तहसील के 32 गांवों में पेयजल संकट पैदा होता है। सबसे ज्यादा पटौरी, मंगेला, रैपुरा, अमाड़ी, चरगवां, बरही, मनगवां, बरतरा, सिहुड़ी, पटीराजा, छुरिया, इमलिया, सकरवारा, गौरहा, रक्सेहा, शिकारपुरा, कुम्हरवारा, खमतरा, चनपुरा, खम्हरिया, सलैयाकला, पिपरिया हैं, जहां पर जल स्तर गिरने से समस्या बढ़ जाती है। यहां प 34 लाख 83 हजार 900 रुपए खर्च कर टेंकर व मशीनों के के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाना है, लेकिन इस प्रस्ताव को भी हरी झंडी नहीं मिली है।
रीठी के इन गांवों में होती है समस्या
रीठी के 35 से अधिक गावों में पेयजल संकट गहरा जाता है। जबतक यहां पर पवई योजना से पानी नहीं पहुंचता, तबतक यहां के रहवासी समस्या से जूझते रहेंगे। समस्या से निपटने के लिए 65 लाख 22 हजार रुपए का प्रस्ताव बना है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। क्षेत्र के सैदा, मुहांस, गोदाना, रैपुरा, कराहिया कुन्हा, सेमडारी, बकलेहटा, खरखरी नंबर 2, खुसरा, रमपुरा, कुडाई, सूखा, लालपुरा बरगवां, गुरजीखुर्द, पाली, देवरीखुर्द, रूडमूड, अमगवां सलैया, नयाखेड़ा, कठौतिया, बडग़ांव भटवा मुहल्ला, बड़ांव गंगानगर, सुगवां, नैगवां, जमुनिया मढादेवरी, चिखला, नयाटोल पटौंहा, खम्हरिया-1, कुदरी, बरजी, लाटपहाड़ी सहित अन्य गांवों में समस्या होती है।
वर्जन
जिले के 157 गांव चिन्हित किए गए हैं, जहां पर गर्मी में पेयजल संकट होगा। समस्या से निपटने के लिए योजना बनाई गई है। सिंगल फेस मोटर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराएंगे। ग्रीष्मकालीन पेयजल व्यवस्था के लिए एक करोड़ रुपए की डिमांड भेजी गई है। जलजीवन मिशन की योजनाओं पर तेजी से काम हो, यह पहल की जा रही है।
केएस डामोर, कार्यपालन यंत्री पीएचई।