थोक व्यापारियों का कहना है कि प्याज के निर्यात की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी गई है। ऐसे में तात्कालिक रूप से भले ही प्याज के दाम बढ़े हैं, लेकिन आगे बहुत अधिक तेजी की संभावना नहीं दिख रही। इसका कारण यह है कि निर्यात एक तय भाव से कम पर नहीं किया जा सकेगा। साथ ही, निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया है। पिछले साल दिसम्बर में जब प्याज की कीमत 70 से 80 रुपए पहुंच गई थी, तब सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
झालावाड़ एमपी से आवक थोक व्यापारी हरीश कोटवानी ने बताया कि एक्सपोर्ट पर रोक हटाने के बाद प्याज के दामों में थोक में केवल 2 रुपए किलो की तेजी आई थी, क्योंकि यहां लोकल आवक (झालावाड़ व एमपी) से हो रही है। महाराष्ट्र में प्रति किलो 7 से 8 रुपए की तेजी आ गई थी, लेकिन सरकार ने निर्यात एक तय भाव व निर्यात टैक्स लगा दिया, इससे महाराष्ट्र में भी अब मात्र 2 रुपए किलो की तेजी रह गई है। भावों में ज्यादा तेजी नहीं आने का कारण अच्छी आवक होना है।