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विश्व थायराइड दिवस विशेष: थायराइड रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 10 गुना अधिक

मानव शरीर में विकार होना एक स्वाभाविक सी प्रक्रिया है। ये विकार (रोग) गलत खान-पान, गलत दिनचर्या या पौष्टिक भोजन के न मिलने से संभव हैं। शरीर में एक ग्रंथि है, जिसको थायराइड कहा जाता है। उसमें उचित खान-पान के अभाव से विकार पैदा हो जाता है। थायराइड रोग शायद विश्व स्तर पर सबसे अधिक प्रचलित अंत:स्रावी विकारों में से हैं।

कोटाMay 25, 2024 / 01:44 pm

Abhishek Gupta

Thyroid disease

मानव शरीर में विकार होना एक स्वाभाविक सी प्रक्रिया है। ये विकार (रोग) गलत खान-पान, गलत दिनचर्या या पौष्टिक भोजन के न मिलने से संभव हैं। शरीर में एक ग्रंथि है, जिसको थायराइड कहा जाता है। उसमें उचित खान-पान के अभाव से विकार पैदा हो जाता है। थायराइड रोग शायद विश्व स्तर पर सबसे अधिक प्रचलित अंत:स्रावी विकारों में से हैं।

मानव शरीर में विकार होना एक स्वाभाविक सी प्रक्रिया है। ये विकार (रोग) गलत खान-पान, गलत दिनचर्या या पौष्टिक भोजन के न मिलने से संभव हैं। शरीर में एक ग्रंथि है, जिसको थायराइड कहा जाता है। उसमें उचित खान-पान के अभाव से विकार पैदा हो जाता है। थायराइड रोग शायद विश्व स्तर पर सबसे अधिक प्रचलित अंत:स्रावी विकारों में से हैं। थायराइड रोग पर विभिन्न अध्ययनों से अनुमान लगाया गया है कि लगभग 4.2 करोड़ भारतीय इससे प्रभावित हैं। इस रोग के बारे में जागरूकता के लिए एक कार्यक्रम आवश्यक है। ऐसा करने से स्क्रीनिंग, निदान संभव हो तो इसका उपचार, रोकथाम की जा सकती है।
इस वर्ष 2024 विश्व थायराइड दिवस का विषय एनसीडी ( नॉन-कम्यूनिकेबल डिजिज) थीम पर बात करें तो थायराइड समस्याएं विश्व स्तर पर सबसे आमअंत:स्रावी विकारों में से हैं, जो मधुमेह के बाद दूसरे स्थान पर हैं। यह थीम थायराइड की समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाती है और प्रारंभिक थायराइड रोग के निदान और उपचार में सहायता करती है।
हार्मोन का उत्पादन करती थायरायड ग्रंथि
थायरायड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो सामान्य विकास और ऊर्जा के लिए आवश्यक हैं। थायराइड का विकार आम है, आसानी से पहचानी जा सकती है और आसानी से इलाज योग्य है, लेकिन अगर इसका निदान नहीं किया गया या इलाज नहीं किया गया तो इसके गंभीर प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं।
आयोडीन की कमी भी एक कारण
आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण घटक है, लेकिन इसका वितरण विश्व स्तर पर असमान है। आयोडीन की कमी वाली आबादी में थायरायड की विकार आमतौर पर थायरायड ऑटोइम्यूनिटी के कारण होती है। जिसमें ग्रेव्स रोग, हाशिमोटो थायरायडिटिस और प्रसवोत्तर थायरायडिटिस शामिल हैं। विश्व स्तर पर 100 करोड़ से अधिक लोग दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण अमेरिका से लेकर मध्य अफ्रीका तक आयोडीन की कमी वाले क्षेत्रों में जीवन व्यतीत करते हैं।
यह जानना जरूरी
1. हाइपोथायरायडिज्म, थायराइड हार्मोन का कम उत्पादन।
2. हाइपरथायरायडिज्म थायराइड हार्मोन का बढ़ा हुआ उत्पादन, यह थायरायड ग्रंथि के अति सक्रिय कामकाज के कारण होता है।
3. घेंघा या बढ़ी हुई थायराइड ग्रंथि।
4. हाशिमोटो थायरॉयडिटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाएं थायरायड ग्रंथि पर हमला करती हैं।
5.थायराइड कैंसर
फैक्ट फाइल
– दुनिया भर में 1.6 अरब लोगों को थायराइड विकारों का खतरा माना जाता है।

– हर साल जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म के साथ पैदा होने वाले लगभग 30000 शिशुओं का पता नहीं चल पाता है।
– वैश्विक स्तर पर जन्म लेने वाले 3 में से केवल 1 बच्चे की ही जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म के लिए जांच की जाती है।
– 8 में से 1 महिला को अपने जीवनकाल में थायराइड विकार विकसित होगा।
– थायराइड रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 10 गुना अधिक आम है।

– 60 से अधिक उम्र होना, हाल ही में गर्भवती होना और टाइप 1 मधुमेह होने से भी यह खतरा बढ़ जाता है।
– आयोडीन की कमी वैश्विक स्तर पर 2 अरब से अधिक लोगों को प्रभावित करती है।

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