पेशेवर सामंजस्य के साथ अभिनव प्रयोग केस – 1 : सीए के बाद सोलर ऊर्जा में रुचि करीब 12 साल पहले सीए की शिक्षा पूर्ण करने के बाद सोलर उर्जा में रुचि के चलते 2013 में नए उद्यम सोलर क्वेस्ट की स्थापना की। तकनीकी पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद पेशेवर इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम से सलाह ली। कंपनी वर्तमान में देश के कई संगठनों के लिए सोलर परियोजनाओं के लिए कार्य कर रही है। इनमें हैदराबाद तथा बैंगलुरु मेट्रो, एसबीआई, एलआईसी, डीएचएल लॉजिस्टिक्स जैसे संस्थान शामिल हैं।
इनका कहना है व्यवसाय की संपत्ति मानव संसाधन है। उद्यमी और पेशेवरों के तालमेल ने साबित किया है कि शिक्षा, पेशेवर व्यवहार और टीम के साथ मिलकर सफलता के नए मुकाम हासिल किए जा सकते हैं।
– प्रांजल धारीवाल, युवा उद्यमी ——————————————————————————- खेती उत्पादन में शुद्धता के मानकों में रुचि केस – 2 : इंजीनियर मित्रों ने पीएम वॉइस में खोजा फ्यूचर प्लान आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग के बाद लौटे सार्थक मित्तल व उनके सहपाठी आकार गुप्ता, बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग करे हुए अर्चित गर्ग और निखिल सिसोदिया ने अपने घरों के स्थापित उद्योगों व प्रतिष्ठानों से खुद को अलग किया। शिक्षा-दीक्षा व तकनीकी ज्ञान का उपयोग प्रोफेशनल फ्यूचर प्लान के लिए चुना।अजमेर के प्रतिष्ठित अस्पताल व मॉल संचालक परिवार के होने के बावजूद सार्थक ने एग्रो वेस्ट टू एनर्जी पर शोध करते हुए खेती उत्पादन में शुद्धता के मानकों के प्रति रुचि रखी। उन्होंने ऑर्गेनिक्स उत्पादों का व्यवसाय शुरू किया। मित्तल ऑर्गेनिक्स फूड प्रोडक्ट्स मुम्बई के प्रसिद्ध नेचर बॉस्केट में भी उपलब्ध हैं। साथी आकार गुप्ता के साथ मिलकर ऑर्गेनिक उत्पाद ताजा फलों व सब्जियों का निर्यात शुरू किया। उन्होंने इंजीनियर मित्र निखिल सिसोदिया व अर्चित गर्ग के साथ मिलकर वैल्यू एडिशन प्रोडक्ट के लिए सराधना में मूंगफली उद्योग स्थापित करने की कवायद शुरू की है।
इनका कहना है हर व्यक्ति हर कार्य में दक्ष नहीं है। इसीलिए अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट लोगों को साथ जोड़कर काम करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सार्थक मित्तल, युवा उद्यमी
———————————————————————- अनेक क्षेत्र के विशेषज्ञों को जोड़ कर बनाई टीम केस – 3 : प्रबंधन क्षेत्र को दक्ष बनाना भी सफलता की कुंजी किसी भी उद्यम में कई शाखाएं होती हैं। उनमें उत्पादन, तकनीक से लेकर विपणन व प्रबंधन होता है। टीम के साथ काम करना व सही परिणाम देना महत्वपूर्ण है। टीम बिल्डिंग, कार्य विशिष्टीकरण एवं विभाजन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, टाइम मैनेजमेंट, ई-मीटिंग एटिकेट्स, विदेशी भाषा एवं संवाद आदि अनेक विषय हैं। सभी बड़े बी-स्कूल्स में इन विषयों को अब गंभीरता से पढ़ाया जाने लगा है। आईटी, बीपीओ,नवीनीकृत ऊर्जा,एंटरटेनमेंट, हेल्थ एवं फिटनेस, ऑनलाइन मार्केटिंग, प्रोसेस एग्रीगेटर्स आदि अनेक उद्योग हैं जिनमें उद्यमी अब प्रोफेशनल हेल्प के बिना सफल नहीं हो सकता।
इनका कहना हैकार्य विशिष्टीकरण एवं विभाजन, टाइम मैनेजमेंट, ई-मीटिंग एटिकेट्स, विदेशी भाषा एवं संवाद आदि विषय भी कॉर्पारेट कल्चर में सफलता की कुंजी होते हैं। कुणाल जैन, उद्यमी, अजमेर