पांच अप्रेल को हुई यह वारदात
विनोबा बस्ती निवासी भीष्म सारस्वत पुत्र गणेश राम सारस्वत ने 5 अप्रेल 2024 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि पांच अप्रेल की सुबह करीब दस बजे वह अपनी पत्नी ललिता सारस्वत और साले दीपक कायल को खाजूवाला भिजवाने के लिए केन्द्रीय बस स्टैंड पहुंचा था। बस स्टैंड पर खाजूवाला जाने के लिए बस में उसकी पत्नी और साला दोनों सवार हो गए। इनके पास एक सूटकेस था। इस सूटकेस में पत्नी के सोने का हार, श्रृंगार पटटी, कान के झूमके, अंगूठी आदि करीब बीस तौला सोने के जेवर शामिल थे। खाजूवाला पहुंचने के बाद पत्नी का फोन आया कि सूटकेस में सोने के जेवर नहीं है। शक जताया कि इस बस में सवार चार जनो ने उसकी पत्नी के सोने के जेवर चुराने की वारदात को अंजाम दिया है।
दस से बारह सदस्यों की यह हैं गैंग
पुलिस के अनुसार इन आरेापियों ने पूछताछ में स्वीकारा कि हरियाणा के हांसी, हिसार के आसपास उनकी सांसी बिरादरी के कुछ लोग चोरी के धंधे में संलिप्त है। उनकी हिसार जिले में सांसी गैंग के रूप में कुख्यात हो चुके है। इसके लिए हिसार एवं हांसी में ऐसे अभियुक्तों ने आपस में अलग-2 गिरोह बना रखे है जो राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हिमाचल, गुजरात आदि राज्यों में वारदातें करते हैं। उनकी एक गैंग गिरोह में करीब दस से बारह सदस्य होते जो अलग-2 कम्पनियों के बल्क मात्रा में सिमें रखते है एंव हांसी से वारदात करने के लिए रवाना होते है। गिरोह के राजस्थान में मुख्य वारदात स्थल सालासर, गोगामेडी, खाटूश्यामजी, पुष्कर इत्यादि एवं अन्य जगहों में भरने वाले प्रसिद्ध मेला स्थल रहते है।
तब आपस में बन जाते है अनजान यात्री
इस गैंग का टारगेट कीमती सामान रखे बैंग सूटकेस रहता हैं या नकदी रखे व्यक्ति की जेबतराशी की वारदात करते है। शादी ब्याह के महीनों में भीड भरी बसों में वारदात को अंजाम देते है। बस में किसी वृद्ध व्यक्ति या महिला जिसके पास बैग या सूटकेस रखा होता है, को एक दो आदमी घेर लेते है। भीड का फायदा उठाकर बैग सूटकेस पीछे कर लेते है एवं दूसरे साथी बैग सूटकेस खोलकर जेवरात नकदी निकाल लेते हैं। एक दो सदस्य घटना करते समय ओट बनाए रखते है। बस में वारदात के बाद तलाशी के दौरान पकडे ना जाए इसलिए तुरन्त चोरी किया सामान बस में दूसरे साथी के सुपुर्द कर देते है। बस के रुकते ही उतर जाते है। बस में गैंग के सभी सदस्य अलग अलग टिकट लेते है ताकि बस में एक दूसरे से अनजान बने रहे। गैंग हांसी से रूट तय करके रवाना होते है। वारदात दर वारदात कर कुछ दिन में वापिस लौटते है। वारदात को अंजाम देने के लिए सूटकेस या बैंग लॉक की विभिन्न मास्टर चॉबी और औजार भी बरामद किए है।
वारदातों की लंबी सूची
पुलिस की जांच के दौरान इस गिरोह ने श्रीगंगानगर, श्री डूंगरगढ, पलाना, सालासर, लाडनूं, डीडवाना, सीकर, रावतसर, हनुमानगढ, खाटू श्याम जी आदि जगहों पर दर्जनों वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया है।सीआई ने बताया कि छह से सात और आरोपी अभी गिरफ्त से बाहर है, इनकी तलाशी में हांसी जिले में दबिश दी जा रही है। गिरफ्तार किए गए आरोपी शातिर अपराधी है। कई और वारदातों का सनसनीखेज खुलासा होने की संभावना है।