किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने इंदिरा गांधी नहर के पुनर्निर्माण की योजना को लेकर व्यक्त की जा रही आशंका से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अवगत करवाया है। सहगल का कहना है कि योजना की अवधि पांच साल की है। दो साल कोरोना काल में कोई काम नहीं हुआ। अब 2024 में इस काम के लिए ली गई बंदी स्थगित करने से तय अवधि में काम पूरा होना मुश्किल है। नहर की जलग्रहण क्षमता नहीं बढ़ी तो पहले की तरह हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान जाता रहेगा। सहगल ने 1 मई से 31 मई तक इंदिरा गांधी नहर में पानी का प्रवाह बंद करवा कर बकाया काम पूरा करवाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
इस बार बंदी नहीं लेने से पंजाब और राजस्थान में कोई काम नहीं हुआ। यह बात सही है कि एनडीबी (ब्रिक्स) से फरवरी 2025 तक काम पूरा करने का करार हुआ है। राजस्थान सरकार और केन्द्र सरकार को अवधि बढ़ाने के बारे में लिख दिया है। – अमरजीत मेहरड़ा, मुख्य अभियंता, उत्तर क्षेत्र हनुमानगढ़
राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्गठन परियोजना के अंतर्गत इंदिरा गांधी मुख्य नहर, इसकी शाखाओं, वितरिकाओं और छोटी नहरों के पुनर्निर्माण का काम फरवरी 2025 तक पूरा करवाना तय हुआ है। कोरोना काल में दो साल तक पुनर्निर्माण का काम बंद रहा, इसलिए वर्ष 2023 और 2024 में नहर बंदी के दौरान ज्यादा से ज्यादा काम होना जरूरी था। वर्ष 2023 की बंदी में तो पंजाब और राजस्थान में लाइनिंग के पुनर्निर्माण का काम अपेक्षा के अनुरूप हुआ। इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान नहर बंदी से प्रदेश के पंद्रह जिलों में पेयजल संकट बड़ा मुद्दा नहीं बन जाए, इसे ध्यान में रख कर नहर बंदी स्थगित कर दी गई। प्रदेश में लोकसभा के चुनाव संपन्न होने के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि पुनर्निर्माण का काम तय अवधि में नहीं हुआ और एनडीबी (ब्रिक्स) ने अवधि में छूट नहीं दी तो जो खर्च अब तक हो चुका है, वह व्यर्थ जाएगा।