देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त एवं सभी कर्मचारियों की मौजूदगी में 2 अप्रेल को प्रात: कपाट खुलेंगे। प्रात: जल व दूध का अभिषेक होगा और भगवान ऋषभदेव की आरती होगी। इसके पश्चात केसर पूजा आरंभ होगी, जो दोपहर 1.30 बजे तक होगी। इसके पश्चात पुन: जल दूध का अभिषेक एवं केसर पूजा 4 बजे तक होगी। इसके बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी। शाम 6.30 बजे पगलियाजी में भगवान की सेवा पूजा व आरती होगी। रात 7.30 बजे शोभायात्रा का पुन: मंदिर में आगमन व स्वागत होगा। मध्यरात्रि 12.45 बजे जन्म कल्याण आरती व मंगल दीपक कार्यक्रम होगा।
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इसके पश्चात शोभायात्रा की तैयारी होगी, इसमें भगवान को विराजित करने के लिए रजत रथ को सजाया संवारा जाएगा, जिसमें भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा को विराजित कर प्रतिवर्ष की भांति बंदूकों की सलामी के साथ शोभायात्रा का आगाज होगा। इसके पश्चात शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पगलिया जी पहुंचेगी, जहां प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान की पूजा-अर्चना के पश्चात शोभायात्रा ऋषभदेव मंदिर पहुंचेगी, जहां विराम होगा। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि से श्रद्धालु मेले में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं।
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