एसपी डीएस मरावी ने कहा कि जिले के अधिकाश ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायताओं में विकास कार्या नहीं हो रहे है। अंदरूनी क्षेत्रों के सड़कों का निर्माण एवं स्कूलों भवन के साथ गांव की विकास का करना हमारी पहली प्राथमिकता है। सड़क निर्माण कार्यों के लिए फोर्स की सुरक्षा साए में किया जायेगा। माओवादियों की खत्म करना है तो गावं का विकास करना महत्वपूर्ण है।
एसपी डीएस मरावी ने कहा कि पूर्व में जिस तरह से जिले के अंदरूनी क्षेत्र में कही भी जाने से रोकाटोका जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता, मानव अधिकारी से जुडे लोग, बाहर के पत्रकारों को जाने से रोका जाता था। अब नहीं रोका जायेगा। लेकिन उन्हें कैम्पों में रूटी जांच से होकर गुजरना पडेंगा। ऐसा ं करने के पीछे उनका उद्देश्य पुलिस की छवि को सुधारना का प्रयास है। इस लोगों को आम लोगों को अधिक से अधिक जुडऩे का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासी संस्कृति एवं पारम्परिक नृत्यों का गढ़़ है। यहां से अब ये कलाऐं लुप्त होते जा रही हैं। पुन: जीवन्त रूप में लाने की प्रयास किया जाएगा। नृत्यों दलों के लिए सिविक एक्शन कार्यक्रमों के माध्यम से नृत्य दलों को पोशक एवं जरूरी सामानों का वितरण किया जायेगा। इसके अलावा सुकमा वनक्षेत्र है। यहां पर काष्टकाल के क्षेत्र में ग्रामीणों को स्कील डेवलमेंट किया जाऐंगा। इसे ग्रामीणों को रोजगार का साधन उपलब्ध होगें। उन्होंने बताया कि 12वीं पास युवाओं के लिए मुफ्त कोचिंग देने की प्लान है। जिले में बहुत से अधिकारी है, इनके मार्गदर्शन से यहां के बच्चों को पटवारी, शिक्षक, क्लर्क, सहित दूसरी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना है। चुनाव के बाद जल्द शुरू करने का प्रयास रहेंगा।
एसपी डीएस मरावी ने कहा कि एलारमडगू कैम्प नहीं हटेंगा। माओवादियों की रणनीति से
वाकिब हम वाकिब है। उनके द्वारा ग्रामीणों को दबाव बनाकर कैम्प हटाने की रणनीति है। पीडमेल में नये कैम्प खेलने की मांग ग्रामीण कर रहे है। यहां पर भी जल्द कैम्प खोला जाएगा। माओवादी लोगों
को उकसाने का काम करते है।