शिवांश दिल्ली में एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था। 2012 में एक पार्टनर के साथ मिलकर उसने एक कंपनी खोली। एचआर के तौर पर नियुक्त युवती से शादी कर ली। आरोप है कि युवती की नजर शिवांश की संपत्ति पर थी। पिता का कहना है कि वह अपने पिता और भाई को भी कंपनी में पार्टनर बनाने का दबाव बना रही थी। एक अगस्त 2021 को उसकी हत्या कर दी गई। शिवांश के पिता का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने बेटे के पोस्टमार्टम में लापरवाही बरती, जिसके बाद वह शव को लेकर पैतृक गांव आ गये और न्यायालय से लेकर जिला प्रशासन से दोबारा पोस्टमार्टम की गुहार लगाई गई। कोई सुनवाई न होता देख सांसद मेनका गांधी के पास भी फरियाद लेकर गये, जिसके बाद अब दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। बेटे की मौत के 24 दिनों बाद रिटायर्ड फौजी ने शव का अंतिम संस्कार किया।