नवदंपतियों से पूछताछ में पता चला कि जिन सामानों की खरीदी उन्हें देने के नाम पर की गई थी, इसमें अधूरे सामान ही उन्हें मिले हैं, शेष कागजों पर सारा खेल हो गया। सुमन्त प्रजापति ने बताया कि प्रतापपुर में सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन अधिकारी नहीं कर रहे है और जानकारी लेने के लिए कई बार कार्यालय का चक्कर कटवाते हैं।
नहीं दी गई पूरी जानकारी
प्रतापपुर निवासी वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता (RTI Activist) महेंद्र कुमार गुप्ता ने परियोजना एकीकृत बाल विकास प्रतापपुर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 2018 से 2021 तक कैश बुक की जानकारी मांगी थी लेकिन उन्हें समय पर जानकारी नही दी गई। विलंब करते हुए जो जानकारी दी गई, वह भी आधी-अधूरी थी। इससे महेंद्र गुप्ता भी संतुष्ट नहीं हैं।
मेरे कार्यकाल का नहीं है ये मामला
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेस सिंह सिसोदिया ने कहा कि यह प्रकरण मेरे कार्यकाल का नहीं है। इसकी जानकारी लेकर ही कुछ बता पाऊंगा। वहीं जनपद अध्यक्ष जगतलाल आयाम ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह का आयोजन यहां हो रहा है तो बिल रायपुर-जांजगीर का कैसे लग रहा है, इस जांच का विषय है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।