इस मामले में जहां महुली के आरएचडी को जहां कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, वहीं गांव के एक झोला छाप डाक्टर पर भी एफआईआर (FIR) कराने के निर्देश दिए गए हंै। एक प्रसूता का इलाज इलाके के झोलाछाप डॉक्टर ने किया था।
गौरतलब है कि शुक्रवार को महुली में दो नवजातों की उस समय मौत हो गई थी जब प्रसूताओं को निजी वाहन से मोहसोप व बिहारपुर अस्पताल लाया जा रहा था।
रास्ता खराब होने के कारण वाहनों में ही बच्चों का जन्म हुआ और दोनों की मौत हो गई। महुली उप स्वास्थ्य में आए दिन ताला लटके रहने की शिकायत सामने आती रही है। इस कारण उस इलाके में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है।
खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन ने दिखाई गंभीरता
नवजात बच्चों की मौत (Newborns death case) की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने पर शनिवार को प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लिया है। सीएमचओ डॉ. आरएस सिंह ने बताया कि महुली के आरएचडी मुकेश देवांगन को अंतिम शोकाज नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि एक प्रसूता पूर्व में मितानिन भी रह चुकी है, जिसे प्रसव पीड़ा पर परिजनों ने गांव के ही एक झोला छाप डाक्टर को दिखाया था। उसने इंजेक्शन लगाकर मामले को जयादा गम्भीर कर दिया। प्रशासन ने कथित डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए हंै।
महुली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विचार
सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह ने बताया कि कलक्टर रणबीर शर्मा ने महुली ओर उसके आस-पास गांवों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए महुली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary health center) बनाने की दिशा में पहल करने का निर्देश दिया है। इस दिशा में शीघ्र ही पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा।