एमबीए और एमसीए दोनों को मिलाकर राज्यभर में कुल 11,931 सीटें हंै। इनमें से मॉक राउण्ड में 3092 सीट पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। 8,839 सीटें खाली हैं। एमबीए में 66 प्रतिशत और एमबीए में 89 प्रतिशत सीट खाली पड़ी हैं। एमसीए लेटरल में 86 प्रतिशत सीट खाली हैं। एमबीए और एमसीए दोनों पाठ्यक्रमों को मिलाकर कुल 76 प्रतिशत सीट खाली पड़ी हैं।
मॉक राउण्ड के बाद फीस भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। फीस भरने वाले विद्यार्थी का ही प्रवेश निश्चित होता है। इंजीनियरिंग में मॉक राउण्ड में करीब 31 हजार विद्यार्थियों को प्रवेश मिला था। मात्र 21 हजार ने विद्यार्थियों ने ही फीस भर प्रवेश निश्चित करवाया था। आज इंजीनियङ्क्षरग में 35 हजार से अधिक सीटें खाली पड़ी हैं। अब एमबीए और एमसीए में फीस भरने का समय समाप्त होने पर ही पता चलेगा कि कितने विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
सूरत. एमबीए-एमसीए और इंजीनियरिंग के साथ साथ आर्किटेक्चर और बीप्लान पाठ्यक्रम में भी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। प्रवेश का जिम्मा एसीपीसी के पास है। राज्य के अहमदाबाद में स्थित निरमा यूनिवर्सिटी और वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के गीजूभाई छगनभाई आर्किटेक्चर विभाग में बीप्लान पाठ्यक्रम चलाया जाता है। निरमा में बीप्लान की 60 और वीएनएसजीयू में 40 सीटें हैं। निरमा की फीस 1 लाख, 21 हजार और वीएनएसजीयू की 60 हजार रुपए है। दोनों को मिलाकर राज्य में बी प्लान की 100 सीटें हैं। इनमें प्रवेश का पहला राउण्ड पूरा हुआ है। निरमा यूनिवर्सिटी में 44 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है और 16 सीटें रिक्त हैं। जबकि वीएनएसजीयू की सभी 40 सीटें रिक्त पड़ी हैं।