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सूरत

ADMISSION 2018 : एमबीए और एमसीए करने में विद्यार्थियों की नहीं रुचि

– दोनों पाठ्यक्रमों को मिलाकर 76 प्रतिशत सीटें रिक्त- एमबीए में 66 प्रतिशत और एमसीए में 89 प्रतिशत सीट खाली- 11 हजार सीटों में से मात्र 3 हजार सीटों पर ही लिया प्रवेश

सूरतJul 17, 2018 / 07:58 pm

Divyesh Kumar Sondarva

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ADMISSION 2018 : एमबीए और एमसीए करने में विद्यार्थियों की नहीं रुचि

सूरत.

राज्य के एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की रुचि कम होती जा रही है। मॉक राउण्ड में एमबीए में 66 प्रतिशत और एमसीए में 89 प्रतिशत सीट खाली पड़ी है । दोनों पाठ्यक्रम को मिलाकर 76 प्रतिशत सीट रिक्त पड़ी हैं। 11 हजार सीटों में से मात्र 3 हजार सीटों पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
पूर्व में एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रम में अधिक प्रतिशत अंक होने के बावजूद विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिलता था। प्रवेश पाने के लिए लाखों रुपए डोनेशन तक देना पड़ता था। इन पाठ्यक्रमों में मैनेजमेंट कोटा की सीटें भी होती थी। इन सीटों पर प्रवेश पाने के लिए कतार लगती थी। आज स्थिति यह है कि इन दोनों पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी ही नहीं मिल रहे हैं। एसीपीसी की ओर से दोनों पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया की जा रही है। एसीपीसी ने दोनों पाठ्यक्रमों के मॉक राउण्ड का परिणाम जारी किया है। एमबीए की कुल 7836 सीटें हैं, इनमें से मात्र 2645 पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। 5191 सीटें अभी भी खाली हैं। एमसीए में कुल 4095 सीटें हैं, इनमें भी मात्र 447 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है। 3648 सीटें रिक्त पड़ी हंै। एमसीए लेटरल की कुल 6136 सीटों में से 833 सीटों पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, 5303 सीटें खाली पड़ी हैं।
– 8 हजार से अधिक सीटें खाली
एमबीए और एमसीए दोनों को मिलाकर राज्यभर में कुल 11,931 सीटें हंै। इनमें से मॉक राउण्ड में 3092 सीट पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। 8,839 सीटें खाली हैं। एमबीए में 66 प्रतिशत और एमबीए में 89 प्रतिशत सीट खाली पड़ी हैं। एमसीए लेटरल में 86 प्रतिशत सीट खाली हैं। एमबीए और एमसीए दोनों पाठ्यक्रमों को मिलाकर कुल 76 प्रतिशत सीट खाली पड़ी हैं।
– और भी सीटें खाली होने के आसार
मॉक राउण्ड के बाद फीस भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। फीस भरने वाले विद्यार्थी का ही प्रवेश निश्चित होता है। इंजीनियरिंग में मॉक राउण्ड में करीब 31 हजार विद्यार्थियों को प्रवेश मिला था। मात्र 21 हजार ने विद्यार्थियों ने ही फीस भर प्रवेश निश्चित करवाया था। आज इंजीनियङ्क्षरग में 35 हजार से अधिक सीटें खाली पड़ी हैं। अब एमबीए और एमसीए में फीस भरने का समय समाप्त होने पर ही पता चलेगा कि कितने विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
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वीएनएसजीयू के बी-प्लान में भी नहीं रुचि
सूरत. एमबीए-एमसीए और इंजीनियरिंग के साथ साथ आर्किटेक्चर और बीप्लान पाठ्यक्रम में भी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। प्रवेश का जिम्मा एसीपीसी के पास है। राज्य के अहमदाबाद में स्थित निरमा यूनिवर्सिटी और वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के गीजूभाई छगनभाई आर्किटेक्चर विभाग में बीप्लान पाठ्यक्रम चलाया जाता है। निरमा में बीप्लान की 60 और वीएनएसजीयू में 40 सीटें हैं। निरमा की फीस 1 लाख, 21 हजार और वीएनएसजीयू की 60 हजार रुपए है। दोनों को मिलाकर राज्य में बी प्लान की 100 सीटें हैं। इनमें प्रवेश का पहला राउण्ड पूरा हुआ है। निरमा यूनिवर्सिटी में 44 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है और 16 सीटें रिक्त हैं। जबकि वीएनएसजीयू की सभी 40 सीटें रिक्त पड़ी हैं।

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