शुरुआत देवपुरा से हुई। मुख्य रोड पर बनी चार दुकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद अतिक्रमणरोधी दस्ता चित्तौड़ रोड पहुंचा। जहां नगर परिषद की भूमि पर बने एक व्यावसायिक भवन को तोड़ा गया।
आयुक्त पंकज कुमार मंगल ने बताया कि देवपुरा में सड़क सीमा में चार दुकानों का निर्माण हुआ था। इसकी शिकायत डीलएलबी व उपनिदेशक को हुई थी। इस पर इन्हें ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद चित्तौड़ रोड पर एक व्यावसायिक भवन निर्माण में नगर पालिका अधिनियम, भू उपयोग परिवर्तन नियम, भवन उपनिधि की अवहेलना व सिवायचक भूमि पर कब्जा होने पर सिवायचक भूमि पर हुए निर्माण को जेसीबी से अलग कर दिया है। पूरा निर्माण ध्वस्त करना अभी बाकी है।
गणेश गली में भी लोकायुक्त के निर्देश पर पांच साल से चल रहे एक प्रकरण में छज्जा तोड़ा गया। वहीं मीरागेट पर अस्थायी अतिक्रमियों को सामान समेटने के निर्देश दिए। कार्रवाई के दौरान नगर परिषद के अधिकारियों सहित सदर थानाधिकारी अनीस अहमद, कोतवाली थानाधिकारी बदन सिंह पुलिस जाप्ते के साथ मौजूद थे।
दिया ज्ञापन उधर, शहर के कंधार पाड़ा निवासी मोहम्मद जफर ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि देवपुरा में चार दुकानें हैं, जिस पर न्यायालय ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश नगर परिषद को जारी किए थे। इसके बावजूद नगर परिषद ने दुकानें तोड़ दी। उन्होंने आरोप लगाया कि आयुक्त ने दुकानें नहीं तोडऩे की एवज में दो लाख रुपए की भी मांग की। फरियादी ने मामले की जांच कराकर नुकसान की भरपाई की मांग की।
शोरूम के समेटने पड़े सामान चित्तौड़ रोड पर तोड़े गए व्यावसायिक भवन में एक कार कंपनी का शोरूम संचालित होने वाला था। कंपनी के सामान शिफ्ट हो गए थे। कुछ दिनों में उद्घाटन होने वाला है। ऐसे में नगर परिषद की कार्रवाई के चलते कार कंपनी के मालिक को तुरंत सामान समेटने पड़े। सरकारी भूमि पर हुए निर्माण वाले हिस्से से कारें व अन्य सामान हटाए गए, इसके बाद कार्रवाई हो पाई।