उन्होंने किशोर की गरदन पर चाकू घुमा कर उसे जान से मारने की धमकी दी। उसकी जेब से जबरन एक हजार रुपए ले लिए और फरार हो गए। उनके जाने के कुछ समय बाद किशोर ने महाप्रभुनगर निवासी बाबा अयुब, सिंकदर व एक अन्य युवक को अपने साथ मिलाया। तलवार और घातक हथियार लेकर वे सरदारनगर स्थित वाजिद मलिक के घर की ओर भागे।
उन्होंने घर के बाहर पार्क तीन दुपहिया वाहनों और एक कार में तोडफ़ोड़ की। पथराव कर खिडक़ी के शीशे तोड़े। घर में घुस कर टीवी और अन्य सामान भी तोड़ा व एक हजार ५०० रुपए लूट लिए। फिर अपशब्द बोलते हुए वाजिद उसके परिजनों व अन्य लोगों को जान से मारने की धमकी दी और फरार हो गए। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर चौबिस घंटे बाद लिम्बायत पुलिस हरकत में आई और मंगलवार देर रात दोनों गुटों के खिलाफ अलग अलग मामले दर्ज किए।
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल?
गौरतलब है कि लिम्बायत क्षेत्र में कोविड19 संक्रमण के सबसे अधिक मामले होने के कारण इसे रेड जोन में रखा गया है। साथ ही यहां सोशल डिस्टेंसिंग, होम क्वारंटीन और रात्रि कफ्र्यू का प्रभावी अमल कर करवाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है। जिसमें पांच पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी और एक दर्जन पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी है।
इनके अलावा अर्धसैनिक बलों की टुकडियों को भी तैनात किया गया है। फिर भी ईद की रात यह फसाद हुआ और पुलिस तुंरत क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर पाई? क्या महाप्रभुनगर और सरदार नगर के आस पास कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं थे?