scriptHUMAN TOUCH NEWS:इंतजार करती रही टीम, नहीं पहुंची भारतीय मछुआरे की मृतदेह | HUMAN TOUCH NEWS: The team kept waiting, did not reach the dead body o | Patrika News
सूरत

HUMAN TOUCH NEWS:इंतजार करती रही टीम, नहीं पहुंची भारतीय मछुआरे की मृतदेह

-भारतीय मछुआरे जैन्ती की गत 14 दिसम्बर को हो गई थी मृत्यु और शनिवार को वाघा बॉर्डर पहुंचनी थी उसकी मृतदेह
-इससे पूर्व गतवर्ष मार्च में कराची जेल में मृत मछुआरे रमेश का शव भी पूरे 42 दिन बाद पहुंचा था मृतक के पैतृक गांव

सूरतJan 18, 2022 / 06:35 pm

Dinesh Bhardwaj

HUMAN TOUCH NEWS:इंतजार करती रही टीम, नहीं पहुंची भारतीय मछुआरे की मृतदेह

HUMAN TOUCH NEWS:इंतजार करती रही टीम, नहीं पहुंची भारतीय मछुआरे की मृतदेह

सूरत. अपनी जान को जोखिम में डालकर समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरों के बीच मछली पकड़कर परिवार की गुजर-बसर करने वाले भारतीय मछुआरों के साथ पाकिस्तान की बर्बर अमानवीयता लगातार जारी है। करीब दो वर्ष पहले पकड़े गए मछुआरे की मृत्यु के एक माह से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद उसकी मृतदेह अंतिम संस्कार के लिए ही तरस रही है। वहीं, मृतक भारतीय मछुआरे का शव लेने गुजरात मत्स्य विभाग की टीम शुक्रवार से वाघा बॉर्डर पर इंतजार कर रही है।
पढऩे-सुनने में यह फिल्मी कहानी जैसा लग सकता है, लेकिन पाकिस्तान सरकार के अमानवीय बर्ताव की यही सच्चाई है। पूरी घटना इस तरह है कि 17 फरवरी 2020 को गुजरात के जखो बंदरगाह के निकट गिरसोमनाथ जिले के सूत्रापाड़ा गांव के मछुआरे जैन्ती अपने अन्य साथी मछुआरों के साथ रसूलसागर नौका में सवार होकर समुद्र की लहरों में से मछलियां तलाश रहे थे। इसी बीच पाकिस्तानी मरीन सिक्यूरिटी एजेंसी के जवान वहां पहुंच गए और उन्होंने जैन्ती समेत नौका में सवार सभी भारतीय मछुआरों को धरदबोचा। बाद में सभी को कराची ले जाकर सीमा पार जुर्म के उल्लंघन में लाधी जेल में डाल दिया। तब से यह सभी मछुआरे पाकिस्तान में कैद है। इस बीच गुजरात मत्स्य विभाग को पिछले सप्ताह ही मछुआरे जैन्ती के कराची स्थित सरकारी अस्पताल में 14 दिसम्बर को मृत्यु होने व उसकी मृतदेह लेने के लिए वाघा बॉर्डर जाने की जानकारी मिली। विभाग ने मृतक जैन्ती के सूत्रापाड़ा स्थित घर जाकर आवश्यक कार्रवाई पूरी की और शुक्रवार को ही पहले अमृतसर और बाद में वाघा बॉर्डर मृतदेह लेने पहुंच गए, लेकिन चार दिन बाद मंगलवार तक भी वे जैन्ती का शव पाकिस्तान से आने का इंतजार ही करते रहे।
-यह पूरी तरह से गलत

भारतीय मछुआरे के प्रति चिंतित रहने वाले मुंबई के सामाजिक कार्यकर्ता जतिन देसाई व समुद्र श्रमिक सुरक्षा संघ के प्रमुख बालुभाई सोया समेत अन्य पाकिस्तान सरकार की इस तरह की कार्यवाही को पूरी तरह से गलत मानते हैं। वे बताते हैं कि मृतदेह के प्रति पूरा सम्मान किया जाना मानवीयता का पहलू है, लेकिन पाकिस्तान सरकार इसका कोई ध्यान नहीं रखती। दरअसल होना तो यह चाहिए कि कराची में किसी भी भारतीय मछुआरे की मृत्यु के 5-7 दिन बाद उसकी मृतदेह उसके पैतृक गांव परिजनों के पास पहुंच जानी चाहिए मगर ऐसा नहीं होता और जब भी किसी मछुआरे की मृत्यु वहां होती है तो उसका शव भारत पहुंचते-पहुंचते ही महीने से ज्यादा वक्त बीत जाता है।
-यूं होती है शव लाने की पूरी प्रक्रिया

पाकिस्तान में कैद भारतीय मछुआरे की मृत्यु होने की जानकारी वहां का स्थानीय प्रशासन इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में देता है और भारतीय दूतावास नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय को इसके बारे में बताता है। इस दौरान दोनों देशों की तरफ से मृतक संबंधी कागजी कार्रवाई भी की जाती है। बाद में विदेश मंत्रालय से गुजरात मत्स्य विभाग को जानकारी मिलती है और बताया जाता है कि मृतदेह कराची से हवाई मार्ग अथवा सड़क मार्ग के जरिए पहले लाहोर और बाद में अटारी बॉर्डर लाई जाएगी। शव के पहुंचने के दिन के मुताबिक गुजरात मत्स्य विभाग की टीम मृतक के पैतृक गांव में परिजनों से आवश्यक कार्यवाही पूरी कर वाघा बॉर्डर पहुंच जाती है और बाद में हवाई अथवा सड़क मार्ग से पहले अहमदाबाद और बाद में पैतृक गांव मृतदेह ले जाती है।
-चार दिन से टीम वहां मौजूद

सभी तरह की कागजी कार्यवाही पूरी कर गुजरात मत्स्य विभाग की टीम शुक्रवार को ही अमृतसर पहुंच गई थी। चार दिन से टीम वाघा बॉर्डर पर मौजूद है, लेकिन मंगलवार तक भारतीय मछुआरे जैन्ती का शव वहां नहीं पहुंचा बताया है।
-नयन मकवाणा, असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट फिशरीज, वेरावळ

Home / Surat / HUMAN TOUCH NEWS:इंतजार करती रही टीम, नहीं पहुंची भारतीय मछुआरे की मृतदेह

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो