एक सीट पर नहीं पूरे कोच में कॉकरोच घूम रहे हैं। फर्श और सीटों पर कई मरे पड़े हैं। बड़े के साथ छोटे छोटे भी कई कॉकरोच है जिन्होंने सब को परेशान कर दिया। खा नहीं पा रहे सो नहीं पा रह हैं। शिकायत की तो उसका निकाल भी नहीं हुआ।
– घनश्याम नागदा, व्यापारी (कोच बी4 यात्री)
– सवास्थ्य के लिए गंभीर है मामला
बांद्रा से कोच में बैठा तब से कॉकरोच देख रहा हूं। सफाई का थोड़ा भी ध्यान नहीं दिया गया है। किराया पूरा वसूला जा रहा हैं। सफर में कई परिवार छोटे बच्चों के साथ है। गंदगी और कॉकरोच से उनके स्वास्थ्य पर असर हो सकता है। यह गंभीर बात है, रेलवे को सफाई पर ध्यान देना होगा।
– डॉ.राजेश शर्मा, (कोच बी4 यात्री)
– गंदे पानी के साथ कॉकरोच ने किया है हैरान:
कोच में प्रवेश ने के साथ गंदी बदबू आ रही थी। फर्श पर कॉकरोच और चूहे दौड़ रहे है। सीट पर बैठे तो नीचे से गंदा पानी आना शुरू हो गया। उसके साथ कॉकरोच भी बाहर आने लगे। दूसरी सीट पर गए तो देखा पूरे कोच में गंदा पानी और कॉकरोच भरे पड़े हैं। शिकायत पर कोई ने ध्यान नहीं दिया।
– लुवाई पटनावाला, विद्यार्थी (कोच बी5 यात्री)
जनतुनाशक दवाई छिड़कर लोगो की जान को खतरे में डालने की बेवकूफी:
जब यात्रियों की शिकायत को सफाई कर्मियों ने अनदेखा किया। तब यात्रियों का आक्रोश बढ़ने लगा। यात्रियों को शांत करने के लिए सफाई कर्मचारियों बंद एसी कोच में जनतुनाशक दवाई छिड़क ने की बेवकूफी शुरू की। कोच में बुजुर्ग और बच्चे भी सफर कर रहे थे। बंद एसी कोच जनतुनाशक दवाई से किसी को सांस की दिक्कत हो गई तो उसके जान खतरे में घिर सकती है। सफाई कर्मी को टोकने पर जनतुनाशक दवाई का छिड़काव बंद किया गया।
– सफाई ठेकेदार ने यार्ड के कर्मचारियों पर फोड़ा ठीकरा:
अवध एक्सप्रेस में “सर्विस मास्टर” कंपनी के सफाई कर्मी सफाई का काम देख रहे थे। “सर्विस मास्टर” के सभी सफाई कर्मी सफाई पर ध्यान देने की जगह रेलवे यार्ड में ट्रेन साफ नहीं होने की बात करने लगे। सभी बस बाते कर अपना बचाव कर रहे थे। लेकिन कोई सफाई कर्मचारी सफाई करने पर ध्यान नहीं दे रहा था। सब एक दूसरे को काम करने के लिए बोल रहे थे। यात्रियों को गुस्सा आया तब सफाई इंचार्ज ब्रिजेश सिंह ने सफाई करवाने का आश्वासन देकर सब को शांत करने का प्रयास किया। ब्रिजेश सिंह ने भी बाद में यह बात कही के उनकी गलती नहीं रेलवे यार्ड से ट्रेन साफ होकर नहीं आती है। तब यात्रियों ने उस पर नाराजगी जताते हुए कहा तो फिर रेलवे में सफाई की जिम्मेदारी क्यों लेकर रुपयों का ठेका लेते हो।
– सिर्फ जाडू हुई, कॉकरोच और गंदा पानी नहीं हुआ दूर:
आखिरकार विरार के बाद कोच में सर्विस मास्टर के सफाई कर्मियों ने जाडू तो लगा दी। जाडू में बड़ी संख्या में मरे हुए कॉकरोच मिले। लेकिन जाडू के बाद भी कॉकरोचों की ओर गंदी पानी के बाहर आने की समस्या से यात्रियों को राहत नहीं मिल। कॉकरोचों ने रातभर यात्रियों को सोने नहीं दिया।