ट्रंप के पूर्व सलाहकार का बयान, ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम इमरान के मुंह पर है जोरदार तमाचा
रुमला निवासी सुरेश पटेल के परिवार में बीमार पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं। दो साल पहले रियाद गया सुरेश कई महीने से रुपए नहीं भेज पाया है। इसके कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी सुरेश की पत्नी हसुमती पर आ गई है। रिश्तेदारों की मदद से गुजारा तो हो जाता है, लेकिन बच्चों के स्कूल की फीस समेत अन्य खर्च की चिंता हमेशा लगी रहती है।
सुरेश के चचेरे भाई ने बताया कि कंपनी में कई दिनों तक खाना नहीं मिलने पर भारतीय दूतावास के प्रयासों से हाल में कैंटीन शुरू हुई है। सुरेश के साथ 80 से अधिक लोग फंसे हैं। सरकार से अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर सुरेश समेत सभी भारतीयों को देश लौटने में मदद करें।
इस कंपनी में चिखली के रुमला गांव का सुरेश पटेल, रानकुआ गांव का कल्पेश लाड, गणदेवी तहसील के खापरवाड़ा गांव का किरण पटेल, धकवाड़ा गांव व बिलीमोरा आईटीआई के पीछे रहने वाले अरविन्द पटेल के अलावा अमलसाड, सूरत के अनावल समेत गुजरात के अन्य शहरों के 80 से ज्यादा लोग फंसे हैं।