केनिन ने बार्टी को दी मात
ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी को ऑस्ट्रेलियन ओपन सेमीफाइनल मुकाबले में अमरीका की सोफिया केनिन ने हालांकि सीधे दो सेटों में मात दी। लेकिन यह मुकाबला आसान नहीं रहा। केनिन ने काफी कड़े मुकाबले में बार्टी को 7-6, 7-5 से हराया जरूर, लेकिन दोनों सेट टाइब्रेकर तक पहुंचे। हालांकि दोनों बार टाई ब्रेकर में बाजी सोफिया केनिन के हाथ लगी। पहला केनिन ने 7-6 से अपने नाम किया, जबकि दूसरे सेट में भी केनिन ने खुद पर दबाव हावी नहीं होने दिया। पहले वह चार मैच प्वाइंट बचाकर मुकाबले को टाई ब्रेकर तक ले गईं और उसके बाद सेट भी अपने नाम कर लिया।
इस जीत के साथ केनिन ने टूर्नामेंट में अमरीकी चुनौती कायम रखी। जीत के बाद उन्होंने कहा कि कुछ भी कहने को उनके पास शब्द नहीं हैं। वह पांच साल की उम्र से इस लम्हे का सपना देखा करती थीं। यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि बार्टी के के खिलाफ मुकाबला आसान नहीं रहा। वह जानती थीं कि बार्टी आसानी से हार नहीं मानेंगी। बॉर्टी को हराने के लिए उन्हें अंत तक लड़ना होगा। वह शानदार खिलाड़ी हैं और यही वजह है कि वह विश्व नंबर एक है।
मुगुरुजा ने हालेप को दी मात
वहीं एक और सेमीफाइनल मुकाबले में स्पेन की गरबाइन मुगुरुजा ने विश्व नंबर-3 रोमानिया की सिमोना हालेप को मात दी। दो बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन मुगुरुजा ने महिला एकल के सेमीफाइनल में हालेप को 7-6, 7-5 से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। मुगुरुजा ढ़ाई साल बाद किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची हैं। स्पेनिश खिलाड़ी ने दो घंटे पांच मिनट में यह मुकाबला अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में मुगुरुजा को कोई सीड नहीं मिली थी। उन्होंने 2016 में फ्रेंच ओपन और 2017 में विंबलडन का खिताब जीता था।
पहले सेमीफाइनल की तरह इस मुकाबले के भी दोनों सेट टाई ब्रेकर तक गए और मैच काफी कड़ा रहा। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुगुरुजा ने कहा कि वह यह नहीं सोच रही थी कि हारेंगी। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आता है, जब आपके पास मौका होता है। उन्हें पता था कि सिमोना के खिलाफ कड़ा मुकाबला होने वाला है। लेकिन वह पूरी ऊर्जा के साथ खेलीं।