उसके शोर मचाने पर परिवार के सदस्य व पड़ोसी दौड़कर आए और उसका हाथ अजगर के जबड़े से बाहर निकाला। डर की वजह से रात को मच्छरदानी तलाशकर अजगर को उसी में बंद कर रखा। इस घटना से सभी इतना डरे थे कि रात को सोए भी नहीं।
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इस घटना में कैलाश के हाथ की चमड़ी निकल गई है और सूजन है। इससे आशंका है कि उसे संक्रमण हुआ है। जीव वैज्ञानिक बताते हैं कि अजगर की लार में ऐसे तत्व होते हैं जो धीरे-धीरे हड्डी तक गला देते हैं। लेकिन परिजन उसे अस्पताल ले जाने की बजाय घर पर ही लिटाकर झाड़-फूंक करने लगे।
पृथ्वीपुर के बीएमओ, डॉ एमके जैन ने भी बताया कि अजगर की किसी प्रकार की सूचना नहीं हुई थी। पीडि़त को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाया जाएगा। उसका उपचार कर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। हालांकि देर शाम उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पृथ्वीपुर भेजा.
इस वर्ष जिले के कई गांव में अजगर मिलने एवं मवेशियों को निगलने की घटनाएं हो चुकी है। बड़ागांव, बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र के साथ ही लगभग आधा दर्जन गांव में अजगर के गांव में पहुंचने के मामले सामने आ चुके है। ऐसे में लोग अब अपने बच्चों को लेकर चिंतित बने हुए है।